टाटा समूह में चल रहा विवाद नया मोड़ ले लिया है। टाटा समूह में शीर्ष पद पर नियंत्रण को लेकर मचे घमासान के बीच टाटा संस के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने मंगलवार को इस सिलसिले पर केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली से मुलाकात की।
टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा और केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली के बीच चली इस बैठक के बाद किसी ने कुछ भी कहने से मुह मोड़ रहें है। करीब आधे घंटे तक चली बैठक के बाद रतन टाटा ने कहा कि अभी बात करना मेरे लिए सहज नहीं है।
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक टाटा समूह में रतन टाटा और पद से हटा दिए गए पूर्व चेयरमैन साइरस मित्री के बीच चल रही खींचतान पर मंत्रालय भी चिंतित है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय इस मामले से संबद्ध सभी हितधारकों के हितों की रक्षा चाहता है।
टाटा समूह की कंपनी टाटा मोटर्स में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 26.11 प्रतिशत है, जबकि बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी 10.36 फीसदी है।
टाटा समूह की एक अन्य प्रमुख कंपनी टाटा स्टील में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 12.8 प्रतिशत, एचडीएफसी का हिस्सेदारी 4.65 प्रतिशत और अन्य बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी 19.39 प्रतिशत है।
बता दें कि टाटा समूह में चल रहे इस विवाद में नया मोड़ तब आया जब टाटा समूह की कई कंपनियों के स्वतंत्र निदेशक, पद से हटा दिए गए। इसके बाद हटाए गए पदाधिकारी साइरस मित्री के समर्थन में आ गए।
इसके बाद टाटा संस ने अपने पांच सबसे बड़ी कंपनियों के शेयर धारकों की एक बैठक बुलाई। जिसमें इंडियन होटल्स, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा केमिकल्स और टाटा कंस्लटेंसी सर्विसेज के शेयरधारकों ने भाग लिया। हाल ही में टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा ने निदेशक साइरस मित्री सहित अपन समूह के कई निदेशकों को हटा दिया था।
स्रोत-आईएएनएस
|
Comments: