रोशनी के पर्व दिवाली पर लोगों की खरीददारी बढ़ जाती है। जिसको देखते हुए व्यापारी भी पहले से तैयारी शुरू कर देते है। लेकिन इस दिवाली व्यापारियों को एक बड़ा झटका लग सकता है।
सोशल मीडिया पर इन दिनों चीनी उत्पादो के बहिष्कार का अभियान चलाया जा रहा है। जिससे राष्ट्रीय राजधानी के व्यापारियों को दिवाली के सीजन में बड़ा झटका लग सकता है। पिछले दिनों हुए भारतीय सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक कार्रवाई के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।
भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव में चीन के भारत विरोधी रवैये के बाद सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सएप आदि पर चीन से आने उत्पाद की खरीद न करने के लिए अपील जारी की जा रही है।
रोशनी के पर्व दिवाली से पहले राजधानी के बाजार में चीनी उत्पाद वाले सामन ही दिखाई देता रहा है। पिछले कई बरस से दिवाली पर चीनी उत्पादो का कब्जा है। माना जा रहा है कि चाइनीज के बहिष्कार के अभियान ने यदि और जोर पकड़ा तो दिवाली पर चीन से आने वाले उत्पादो पर बडी गिरावट आएगी।
दिल्ली के व्यापारियों का कहना है कि दिवाली पर चीनी उत्पाद आने का सिलसिला कुछ महीने पहले ही शुरू हो जाता है। चीनी उत्पाद बहिष्कार का यह अभियान कुछ दिन पहले शुरू हुआ है और उनके पास माल कई महीने पहले आ चुका है।
यदि लोगों ने चीनी उत्पाद की खरीददारी पर पूरी तरह बहिष्कार कर दिया, तो उनके लिए अपनी लागत निकालना भी मुश्किल हो सकता है। इसका एक दूसरा पहलू यह है कि यदि दिवाली पर चाइनीज के बहिष्कार की वजह से व्यापारियों का माल नहीं निकल पाता है।
तो इसके चलते आयातक नए साल और क्रिसमस के लिए चीन को आर्डर देने से बचेंगे। व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स रूकैटरू के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि चीनी सामान के बहिष्कार का असली असर नए साल और क्रिसमस पर दिखाई देगा।
दिवाली पर तो ज्यादातर व्यापारियों के पास चीन का माल आ चुका है। यदि दिवाली पर यह नहीं बिकता है, तो खरीददार नए साल और क्रिसमस के लिए चीन को आर्डर देने से बचेंगे।
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