नोटबंदी के बाद कैशलेस को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र की सरकार आपको एक और बड़ा झटका दे सकती है। जी हां केन्द्र सरकार का यह अहम निर्णय आपकी पाकेट पर बोझ बढ़ा सकती है।
दरअसल मुख्यमंत्रियों की एक कमेटी ने केन्द्र सरकार से सिफारिश की है कि 50 हजार रूपये से अधिक नगदी निकालने पर टैक्स लगाया जाए।
गौरतलब है कि विमुद्रीकरण के बाद डिजिटल लेनदेन को गति देने के लिए नीति आयोग में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाले एक दल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर इस मामले में एक रिपोर्ट सौंपी।
रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि 50 हजार रुपये से अधिक की नकद निकासी पर कर लगाया जाए। इसके साथ ही एमडीआर को पूरी से समाप्त करने की सिफारिश की गयी है।
इसके अलावा सरकारी एजेंसियों में डिजिटल लेनदेन पर एमडीआर को शून्य करने या निचले स्तर पर लाने के लिए भी कहा गया है। हालांकि यह बातें तभी संभव है जब केन्द्र सरकार इनकी सिफारिशों पर अपना मुहर लगाए गी।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्रियों की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में ढ़ेरों सिफारिश की गई है। जिसमें प्रमुख रूप से बड़े लेनदेन में नकदी की अधिकतम सीमा तय करने की सिफारिश की गयी है। हालांकि कमेटी ने वार्षिक आय में से तय राशि का डिजिटल लेनदेन के जरिये उपयोग करने पर कर में छूट देने पर भी गौर करने का आग्रह किया है।
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