नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)| एप के जरिये टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी के लिए सरकार को विशेष नियम बनाने चाहिए। यह सिफारिश 'भारत में ऐप्लीकेशन बेस्ड कैब एग्रीगेटर्स के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव तथा उभरते नीतिगत मुद्दों' पर एमडीआई, गुड़गांव एवं रिसोर्स डेवलपमेन्ट इंटरनेशनल द्वारा किए गए एक संयुक्त अध्ययन में की गई है। इस रिपोर्ट का अनावरण बुधवार को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग के संयुक्त सचिव अभय दामले ने किया। इस अध्ययन में कई महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे शेयर्ड इकोनोमी, डायनामिक प्राइसिंग, इन्सेन्टिवाइजेशन, ड्राइवरांे के काम की स्थिति, यात्रियों की सुरक्षा, अनार्थिक प्रतियोगिता तथा परिवहन के अन्य प्रकारों पर एबीसीए के प्रभाव आदि पर प्रकाश डाला गया है।
अध्ययन के लिए दिल्ली, मुम्बई, बैंगलोर, हैदराबाद एवं कोलकाता से 1200 ड्राइवरों एवं 300 उपभोक्ताओं का सर्वेक्षण आरडीआई और एमडीआई के द्वारा किया गया। ड्राइवरों एवं उपभोक्ताओं पर एबीसीए के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव के अध्ययन के लिए मुख्य हितधारकों के साक्षात्कार लिए गए।इस रिपोर्ट के सह-लेखकों में प्रोफेसर एमपी जयसवाल, डीन (रिसर्च एण्ड एक्रेडिटेशन), असिस्टेन्ट प्रोफेसर पारूल गुप्ता (पब्लिक पॉलिसी एंड गवर्नेन्स), असिस्टेन्ट प्रोफेसर प्रगीत एरॉन (इन्फोर्मेशन टेकनोलोजी ऑफ एमडीआई, गुड़गांव) तथा राजीव गुप्ता (प्रबन्ध निदेशक, रिसोर्स डेवलपमेन्ट इंटरनेशनल (भारत) शामिल हैं।-- आईएएनएस
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