नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)| दक्षिणी और पूर्वी दिल्ली के निगमकर्मियों के हड़ताल पर बैठने के बाद मंगलवार को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि समस्या के समाधान के लिए क्या कदम उठाए गए। एनजीटी ने पूर्वी दिल्ली में लगे कूड़े के ढेर को हटाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी मांगी है।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) की ओर से न्यायाधिकरण के समक्ष पेश हुए अधिवक्ता बालेंदु शेखर ने आईएएनएस को बताया कि एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने यह नोटिस जारी किए।बालेंदु शेखर ने आईएएनएस को बताया, "अपनी नोटिस में एनजीटी के अध्यक्ष ने पूछा है कि समस्या के समाधान और दिल्ली में विभिन्न जगहों पर लगे कूड़े के ढेर को हटाने के लिए क्या कदम उठाए गए।"उन्होंने बताया कि ईडीएमसी की ओर से उन्होंने न्यायाधिकरण से निगमकर्मियों के वेतन की समस्या के समाधान के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।ईडीएमसी के अधिकारियों के अनुसार, निगम के खर्चो और आय में भारी अंतर सारी समस्या की वजह हैं। अधिकारियों के अनुसार ईडीएमसी का सालाना वैतनिक एवं पेंशन का खर्च 1,600 करोड़ रुपये है, जबकि आय 608 करोड़ रुपये ही है।पिछले तीन महीने से वेतन न मिलने के कारण हड़ताल पर बैठे निगमकर्मी पांचवें दिन मंगलवार को भी काम पर नहीं लौटे। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों के एक समूह ने भी मंगलवार से हड़ताल शुरू कर दिया है।दिल्ली सरकार ने सोमवार को ईडीएमसी के लिए 119 करोड़ रुपये जारी किए, लेकिन धरने पर बैठे निगमकर्मियों का कहना है कि वे बैंक खातों में वेतन जमा होने के बाद ही हड़ताल खत्म करेंगे।--आईएएनएस
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