नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)| करीब 800 से ज्यादा भारतीय और 20 विदेशी प्रकाशकों के साथ यहां 44वें विश्व पुस्तक मेले की शनिवार से शुरुआत होगी। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होने वाला यह मेला एफ्रो-एशियाई देशों के बड़े मेलों में से एक है। इसमें 2500 से ज्यादा स्टॉल लगाए जाएंगे।
इस वर्ष मेल की थीम 'मानुषी' है। इसके तहत महिलाओं द्वारा एवं उन पर आधारित लेखन पर जोर रहेगा। प्राचीन से वर्तमान तक के महिला लेखन की समृद्ध परंपरा को प्रस्तुत किया जाएगा।विश्व पुस्तक मेले की निदेशक रीता चौधरी ने आईएएनएस से कहा कि मूल विचार महिलाओं के विविधता भरे लेखन को दिखाना ताकि महिला लेखकों के लेखन में एकरूपता के भ्रम को तोड़ा जा सके।उन्होंने कहा, "नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) द्वारा कैलेंडर के लिए बनाए गए 12 महिला विद्वानों के चित्रों को प्रदर्शित किया जाएगा।"मेले में बच्चों के लिए अलग से मंडप होगा जिसमें सेमिनार, कथा वाचन सत्र, रचनात्मक लेखन की कार्यशाला भी आयोजित की जाएंगी।मेले में लेखक कोना भी बनाया गया है, जहां किताब प्रेमी जाने माने लेखकों और साहित्यकारों से मिल सकेंगे।रीता चौधरी ने कहा, "किताबें हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं और हमारा मकसद भारत में पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देना है। हर साल पुस्तक मेले में बड़ी संख्या में लोग आते हैं और इस साल भी हमें उम्मीद है कि बड़ी संख्या में लोग आएंगे।"नेशनल बुक ट्रस्ट के निदेशक बलदेव भाई शर्मा ने कहा, "हम सस्ते मूल्य में एक ही छत के नीचे कई भाषाओं की सभी प्रकार की पुस्तकें प्रदान करने की कोशिश करते हैं।"उन्होंने कहा कि इस साल नेशनल बुक ट्रस्ट अपनी स्थापना की 60वीं वर्षगांठ मना रहा है और इस उपलक्ष्य में एक विशेष प्रदर्शनी 'यह मात्र सिंहावलोकन नहीं है' के माध्यम से एनबीटी की यात्रा को प्रस्तुत किया जाएगा।--आईएएनएस
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