तुर्की ने देश में सैन्य तख्तापलट की नाकामयाब कोशिश के बाद 20 जुलाई 2016 को आपातकाल की घोषणा की थी। सरकार ने अमेरिका में रह रहे धर्मगुरू फेतुल्लाह गुलेन पर तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप लगाया था।
आपातकाल नियम के मुताबिक, सरकार नए कानूनों को बनाने के लिए संसद की अनदेखी कर सकीत है और देश में नागरिक अधिकारों एवं आजादी को सीमित या निलंबित कर सकती है।तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली यिल्दीरिम ने मंगलवार को कहा था कि तुर्की के संविधान में बदलाव के लिए विधेयक पर चर्चा अगले सप्ताह शुरू होगी।इस मसौदे को नौ जनवरी को जनरल असेंबली के समक्ष पेश कर दिया जाएगा और इसके महीने के अंत तक मंजूरी मिलने की संभावना है।इस विधेयक के पारित होते ही राष्ट्रपति की शक्तियां बढ़ जाएगी और राष्ट्रपति अपनी पार्टी का प्रमुख बना रहेगा।तुर्की की सरकार ने कहा है कि संवैधानिक बदलाव अगर संसद से मंजूर हो गए तो भी इस पर लोगों की मंजूरी के लिए जनमत संग्रह कराया जाएगा।--आईएएनएस
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