नई दिल्ली/कोहिमा, 3 जनवरी (आईएएनएस)| विवादास्पद सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (एएफएसपीए) को नागालैंड में एक बार फिर छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। नागालैंड गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 30 दिसंबर को जारी अधिसूचना में आर्म्ड फोर्सेज (स्पेशल पॉवर) एक्ट 1958 को समूचे नागालैंड में अगले 6 महीनों के लिए जारी रखने का आदेश जारी किया है।"
गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव सतेंद्र गर्ग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया, "केंद्र सरकार की राय है कि नागालैंड का समूचा क्षेत्र अशांत और खतरनाक स्थिति में है, इसलिए नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सैन्य बलों का प्रयोग आवश्यक है।"मानवाधिकार समूह, विभिन्न नागरिक समाज और राजनीतिक दल, खासतौर से पूर्वोत्तर राज्यों के जनजाति आधारित दल इस कानून को 'बेरहम' करार देते हुए इसकी वापसी की मांग कर रहे हैं। इस कानून के तहत सेना और अर्धसैनिक बलों को किसी भी अशांत क्षेत्र में बिना किसी सूचना के ऑपरेशन करने का असीमित अधिकार है।नागालैंड के अलावा एएफएसपीए मणिपुर (इंफाल नगरपालिका क्षेत्र को छोड़कर), असम के कुछ इलाकों और अरुणाचल प्रदेश के कई जिलों में लागू है।मणिपुर की इरोम शर्मिला चानू ने इस कानून को वापस लेने की मांग को लेकर 2000 से भूख हड़ताल शुरू की थी, जिसे उन्होंने अगस्त 2016 में तोड़ दिया।--आईएएनएस
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