नोटबंदी को एक महीना पूरा हो जाने के बाद अब शेयर बाजारों के शुरुआती कारोबार में शुक्रवार को तेजी का रुख देखने को मिल रहा है। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 52.90 अंकों की तेजी के साथ 26,747.18 पर और निफ्टी 14.90 अंकों की तेजी के साथ 8,261.75 पर बंद हुआ।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 92.86 अंकों की तेजी के साथ 26787.14 पर खुला और 52.90 अंकों या 0.2 फीसदी तेजी के साथ 26,747.18 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 26,803.76 के ऊपरी और 26,707.81 के निचले स्तर को छुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी सुबह 24.85 अंकों की तेजी के साथ 8,271.70 पर खुला और 14.90 अंकों या 0.18 फीसदी तेजी के साथ 8,261.75 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 8,274.95 के ऊपरी और 8,241.95 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक में भी तेजी देखी गई। मिडकैप 26.88 अंकों की तेजी के साथ 12,535.22 पर और स्मॉलकैप 63.83 अंकों की तेजी के साथ 12,320.08 पर बंद हुआ।
बीएसई के 19 में से 13 सेक्टरों में तेजी रही। रियल्टी (1.62 फीसदी), बैंकिंग (1.14 फीसदी), तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (0.52 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.47 फीसदी) और उपभोक्ता सेवाएं (0.45 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
बीएसई के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे दूरसंचार (0.65 फीसदी), वाहन (0.46 फीसदी), उपभोक्ता गैरअनिवार्य वस्तु एवं सेवाएं (0.23 फीसदी), धातु (0.23 फीसदी) और पूंजीगत वस्तुएं (0.15 फीसदी)।
बीते सप्ताह देश में विमुद्रिकरण और अन्य कई आर्थिक नीतियों में परिवर्तनो से आर्थिक जगत में उथल मची रही। हालांकि नोटबंदी का शेयर बाजार पर पूरा असर नहीं माना जा सकता फिर भी अपेक्षाकृत पिछले सप्ताह बाजार में गिरावट दर्ज की गयी है।
कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। बीते सप्ताह बाजार के पांच में से तीन कारोबारी सत्रों में मजबूती रही। हालांकि, सप्ताह के अंत में बाजार पर दबाव बना रहा और बाजार गिरावट के साथ बंद हुए।
इस सप्ताह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 85.68 अंकों यानी 0.32 फीसदी की गिरावट के साथ 26,230.66 पर जबकि निफ्टी 27.50 अंकों यानी 0.33 फीसदी की कमजोरी के साथ 8,086.80 पर बंद हुआ। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 0.13 फीसदी और स्मॉलकैप में 0.46 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। दोनों ही सूचकांकों ने सेंसेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है।
सेंसेक्स 28 नवंबर यानी सोमवार को 33.83 अंकों यानी 0.13 फीसदी की बढ़त के साथ 26,350.17 पर बंद हुआ जो 11 नवंबर 2016 के बाद इसका सबसे उच्चतम स्तर रहा। बाजार के प्रमुख सूचकांकों में मंगलवार यानी 29 नवंबर को हल्की बढ़त रही और सेंसेक्स 43.84 अंक यानी 0.17 फीसदी की बढ़त के साथ 26,394.01 पर बंद हुआ। वहीं, 30 नवंबर यानी बुधवार को सेंसेक्स 258.80 अंकों यानी 0.98 फीसदी की मजबूती के साथ 26,652.81 पर बंद हुआ।
वहीं, धातु, बैंकिंग और रियल्टी शेयरों में गिरावट की वजह से एक दिसंबर यानी गुरुवार को सेंसेक्स 92.89 अंकों यानी 0.35 फीसदी की गिरावट के साथ 26,559.92 पर बंद हुआ जो 29 नवंबर 2016 के बाद इसका सबसे निचला स्तर रहा।
बाजार में सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी दो दिसंबर को तेज गिरावट रही। सेंसेक्स 329.26 अंक यानी 1.24 फीसदी की गिरावट के साथ 26,230.66 पर बंद हुआ। निफ्टी 106.10 अंकों की गिरावट के साथ 8,086.80 पर बंद हुआ। सेसेंक्स के 30 में से 16 शेयरों में गिरावट रही, जबकि 13 शेयर मजबूती के साथ बंद हुए, जबकि एक शेयर में कोई बदलाव नहीं आया।
बीते सप्ताह ऑटो शेयरों में मिला-जुला रुख रहा। बीएसई ऑटो सूचकांक में 1.13 फीसदी की बढ़त रही। टाटा मोटर्स में 4.46 फीसदी की गिरावट रही। सितंबर 2016 को समाप्त दूसरी तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.3 फीसदी रहा।
वैश्विक मोर्चे पर पेट्रोलियम निर्यातक देशों (ओपेक) के संगठन के बीच 30 नवंबर को एक समझौता हुआ जिसके तहत तेल उत्पादन में कटौती पर सहमति बन गई है।
नवंबर माह में चीन के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में भी तेजी रही है। चीन की राष्ट्रीय सांख्किीय ब्यूरो ने एक दिसंबर को कहा था कि उत्पादन सूचकांक (पीएमआई) नवंबर में 51.7 फीसदी रहा है, जबकि अक्टूबर में यह 51.2 फीसदी था। निजी संस्था द्वारा मापी जानेवाली कैक्सिन चाइना मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग इंडेक्स नवंबर में घटकर 50.8 फीसदी हो गया।
स्रोतः आईएएनएस
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