नई दिल्ली, 30 दिसंबर (आईएएनएस)| दिल्ली में देश की प्रतिष्ठित संस्था ब्रिटिश लिंग्वा के तत्वाधान में आयोजित 2 दिवसीय 'इंग्लिश लेटरेचर फेस्टिवल' में संस्था के प्रबंध निदेशक व जाने-माने लेखक डॉ. बीरबल झा ने शुक्रवार को कहा कि समाज के निर्माण में साहित्य व साहित्यकारों का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि भाषा ही है जो मनुष्य को पशुओं से अलग रखता है और वही समाज समृद्ध होता है, जहां ज्ञान विज्ञान का प्रचार-प्रसार होता है।
अच्छी भाषा एवं अच्छे साहित्य के लिए लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और स्वरचित कविताओं व कहानी का पाठ किया।इस अवसर पर झा ने कहा, "भाषा कोई हो, साहित्य में छिपी हुई उसकी भावना व आत्मा को समझने की जरूरत है, जिसके आधार पर हम एक सभ्य समाज बनाने की परिकल्पना करते हैं।"उन्होंने अंग्रेजी पर विशेष जोर देते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर अंग्रेजी का वर्चस्व बन चुका है। यही नहीं, अंग्रेजी पर पकड़ से अपने करियर में भी आगे बढ़ा जा सकता है।डॉ. झा ने कहा कि वर्तमान समय में असाधारण विचार होने के साथ अगर अंग्रेजी पर पकड़ नहीं है तो उसका असर प्रोडक्टिविटी पर भी असर पड़ सकता है।उन्होंने कहा कि अंग्रेजी ने भारतीय समाज को तोड़ने का नहीं, बल्कि जोड़ने का काम किया है। भारत एक बहुभाषीय समाज है जिसमें अंग्रेजी ही 'लिंक लैंग्वेज' के रूप में काम कर करती है।झा ने आगे कहा, "विडंबना यह है कि हमारी न्यायिक व्यवस्था के अंतर्गत आज भी अंग्रेजी का बोलबाला है और इससे स्पष्ट होता है कि सामाजिक न्याय व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कोई अंग्रेजी से दूर नहीं जा सकता है।"अंग्रेजी के महत्व को बताते हुए झा ने कहा कि आज के माहौल में तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ कम्युनिकेशन का तरीका भी आना चाहिए। कम्युनिकेशन स्किल्स हर जगह जरूरी होती है, ताकि अपने विचारों व लक्ष्यों को ठीक से व्यक्त किया जा सके।प्रतिभागी विकास कुमार गुप्ता ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों में भाग लेने से साहित्य को समझने व निखारने का मौका मिलता है।वहीं गौतम कुमार ने कहा, "जब हम साहित्यिक कार्यक्रम के द्वार में प्रवेश करते हैं तो हमारे आत्मविश्वास को बल मिलता है।"कार्यक्रम के अंत में डॉ. झा ने कहा कि अगर छात्र अपने करियर में सफल होना चाहते हैं तो सही अंग्रेजी सीखना प्रत्येक छात्र के लिए जरूरी है, जिससे न केवल अंग्रेजी का ज्ञान बढ़ेगा, बल्कि एक टीम लीडर के तौर पर क्षमताएं व आत्मविश्वास भी बढ़ेंगी।--आईएएनएस
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