इस्लामाबाद, 27 दिसम्बर (आईएएनएस)| विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने पाकिस्तान-भारत जल विवाद पर चर्चा करने के लिए पाकिस्तान के वित्त मंत्री इसहाक डार से फोन पर बातचीत की। डॉन ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को फोन पर की गई बातचीत में भारत द्वारा सिंधु नदी पर बनाए जा रहे दो पनबिजली संयंत्रों से संबंधित विवाद का मुद्दा उठा।
डार ने इससे पहले किम को पत्र लिखकर दोनों पड़ोसी देशों के बीच के जल विवाद के निपटारे में मदद करने का आग्रह किया था।उन्होंने कहा था कि विश्व बैंक द्वारा मध्यस्थता में देरी से 1960 में हस्ताक्षरित द्विपक्षीय सिंधु जल समझौते में पाकिस्तान के हितों और अधिकारों पर गंभीर रूप से प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।पाकिस्तान ने पत्र में यह भी कहा था कि वह विश्व बैंक से इससे पहले किए गए पंचाट अदालत के अध्यक्ष की नियुक्ति का अनुरोध भी वापस नहीं ले रहा है। और, चूंकि इस प्रक्रिया में पहले ही काफी देरी हो चुकी है, इसलिए पाकिस्तान जल्द से जल्द अध्यक्ष की नियुक्ति चाहता है।पाकिस्तान मानता है कि इसमें और देरी से देश के हित प्रभावित होंगे क्योंकि भारत दोनों परियोजनाओं को पूरा करने पर काम कर रहा है। डार ने कहा कि एक बार परियोजनाएं पूरी होने पर कुछ नहीं हो पाएगा।इस समझौते के तहत भारत का तीन पूर्वी नदियों ब्यास, रावी और सतलज पर नियंत्रण है जबकि सिंधु, चेनाब और झेलम पर पाकिस्तान का नियंत्रण है।समझौते के तहत विश्व बैंक को भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी जल विवाद की मध्यस्थता का अधिकार है।पिछले सप्ताह किम ने भारत और पाकिस्तान के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखकर कहा था कि उन्होंने बैंक की मध्यस्थता को रोकने का फैसला किया है। उन्होंने साथ ही दोनों पड़ोसी देशों को जनवरी के अंत तक यह फैसला करने को कहा था कि वे इस विवाद को कैसे निपटाना चाहते हैं।जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में 18 सितंबर को सेना के शिविर पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते की समीक्षा करने की बात कही थी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि रक्त और पानी एक साथ नहीं बह सकते।--आईएएनएस
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