काबुल, 27 दिसंबर (आईएएनएस)| अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मास्को में मंगलवार को पाकिस्तान, चीन व रूस की त्रिपक्षीय बैठक को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि त्रिपक्षीय बैठक अफगानिस्तान पर केंद्रित रहने के बावजूद, काबुल के साथ परामर्श नहीं किया गया।
कहा गया कि बैठक का जो एजेंडा था, वह अफगानिस्तान के लिए चिंता का विषय है।मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "बिना देश से परामर्श किए अफगानिस्तान पर बातचीत अफगान लोगों के लिए एक गंभीर सवाल उठाता है। हम बैठक के पीछे के कारणों को लेकर चितिंत हैं और संबंधित पक्षों से इसका कारण जानना चाहते हैं।"अफगान सांसदों ने कहा कि अफगानिस्तान पर बिना काबुल से परामर्श किए इस तरह की बैठक का आयोजन साफ तौर पर देश के आंतरिक मुद्दों में दखल देना है।अफगान संसद के अध्यक्ष अब्दुल रऊफ इब्राहिमी ने कहा, "हम इस तरह की बैठक को आयोजित करने और अगले साल सुरक्षा के हालात को लेकर चिंतित हैं।"इस बीच पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि यह बैठक अफगानिस्तान के हालात और इलाके की शांति व स्थिरता पर चर्चा के लिए हो रही है।न्यूज इंटरनेशनल की मंगलवार की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में रूस को शामिल करना एक दूसरा प्रमुख मुद्दा है।रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में आतंकवाद का विस्तार हमेशा से रूस और केंद्रीय एशिया के देशों के लिए चिंता का विषय रहा है।राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के आंकड़ों के अनुसार, करीब 11,000 विदेशी लड़ाके देश में तालिबानी आतंकियों से लड़ने के लिए हैं।अफगान रक्षा मंत्रालय के अनुसार, मौजूदा समय में करीब 40,000 आतंकवादी देश में सक्रिय हैं, जबकि राष्ट्रपति अशरफ गनी पहले भी कह चुके हैं कि अफगानिस्तान में 30 से ज्यादा आतंकवादी समूह सक्रिय हैं।--आईएएनएस
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