इजराइल द्वारा फिलीस्तीनी क्षेत्रों में बस्तियां बसाए जाने को लेकर शुक्रवार को 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने एक बैठक की। बैठक में सुरक्षा परिषद ने इजराइल द्वारा बस्तियां बसाने को अवैध करार दिया। परिषद ने कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लघंन है और फिलीस्तीन व इजरायल के बीच द्वि-राष्ट्र समाधान की दिशा में एक बड़ी अड़चन है।
सुरक्षा परिषद के इस बैठक में 14 सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया, जबकि अमेरिका ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
प्रस्ताव के जरिए मांग की गई है कि इजराइल, पूर्वी जेरूसलम सहित अपने कब्जे वाले फिलीस्तीनी क्षेत्रों में बस्तियां बसाना फौरन बंद कर दे।
इजराइल ने गाजा पट्टी के साथ पश्चिमी तट पर 1967 में कब्जा कर लिया था। इसके एक दशक के बाद दक्षिणपंथी इजरालियों ने इन इलाकों में बस्तियां बसाना शुरू कर दिया।
ये बस्तियां अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुसार अवैध हैं। अमेरिका इन्हें शांति की राह में एक बड़ा रोड़ा मानता है।
अंतर्राष्ट्रीय कानून द्वारा इजराइली गतिविधियों को अवैध माने जाने को अमेरिका दोनों देशों की बीच शांति कायम होने की दिशा में एक बड़ी बाधा मानता है।
फिलीस्तीनियों ने इजराइल से तब तक बात नहीं करने की प्रतिबद्धता जताई है, जब तक कि वह पश्चिमी तट और पूर्वी जेरूसलम में बस्तियां बसाने का काम बंद नहीं कर देता।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है। वहीं इजरायल ने इस प्रस्ताव की निंदा करते हुए इसे मानने से इंकार कर दिया है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने इस प्रस्ताव को बेतुका करार देते हुए कहा कि इजराइल इस प्रस्ताव को बिल्कुल नहीं मानेगा।
स्रोत--आईएएनएस
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