नई दिल्ली, 22 दिसम्बर (आईएएनएस)| हार्वर्ड साउथ एशिया इंस्टिट्यूट (एस.ए.आई.) और टाटा ट्रस्ट ने गुरुवार को यहां 'भारत में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक अधिकार: नए सहयोग और सहभागिताओं की तलाश' नामक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 'भारत में आजीविका का निर्माण' नामक 18 महीने तक संचालित परियोजना के नतीजे साझा किए गए। हार्वर्ड केनेडी स्कूल की प्रोफेसर मार्था चेन और हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के रिसर्च विभाग की एफएक्सबी निदेशक और प्रैक्टिस ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन राइट्स की प्रोफेसर जैकलीन भाभा ने परियोजना के निष्कर्ष और नतीजे साझा किए। कार्यक्रम में ऐसे संगठनों के कार्यो की जानकारी प्रदान की गई, जिन्हें बीते एक साल से अनुदान और मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा था।
परियोजना का लक्ष्य व्यावहारिक प्रशिक्षण देना, विकास के तरीके सिखाना, न्यायोचित व्यवहारों की जानकारी देना और उनकी प्रभावशीलता की पैमाइश, तीव्रता और विस्तार में मदद करना है।कार्यक्रम में प्रोफेसर जैकलीन भाभा ने कहा, "टाटा ट्रस्ट की फंडिंग की बदौलत हम रचनात्मक संगठनों के समूह के साथ काम कर समुदायों में शैक्षणिक और लैंगिक सशक्तिकरण के मुद्दों को सुलझाते हैं। एक ओर जहां बहिष्कार और भेदभाव की चलन आज भी बड़े पैमाने पर मौजूद है, वहीं समुदायों द्वारा तैयार की जा रही सार्थक योजनाओं के चलते अब लोग अपने अधिकारों को समझकर उनका इस्तेमाल करना सीख रहे हैं।"प्रोफेसर मार्था चेन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, "भारत में आजीविका की परियोजना पर हार्वर्ड एस.ए.आई. के हिस्से के रूप में काम करते हुए, हमें टाटा ट्रस्ट का उदार समर्थन मिला, जिसके कारण हम घर पर काम करने वाली महिला कर्मियों की आजीविका की जरूरत और उनकी सीमाओं पर अपना ध्यान केंद्रित कर सके।"परियोजना की समाप्ति पर, हार्वर्ड टीम ने तीन प्रकाशन जारी किए, जिनमें विषय के जानकारों के अनुभवों के साथ-साथ इसमें हिस्सा लेने वाले संगठनों द्वारा किए जाने वाले कुछ बेहद प्रभावशाली कार्यो की जानकारी भी दी गई है।--आईएएनएस
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