नई दिल्ली, 22 दिसम्बर (आईएएनएस)| लगातार हो रही आलोचना के बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) लोगों को यह ठोस जानकारी दे पाने में नाकाम साबित हो रही है कि आखिरकार उसने कितने नए नोट जारी किए।
बुधवार को जारी की गई अपनी नवीनतम प्रेस विज्ञप्ति में आरबीआई ने कहा कि उसने लोगों को कुल 22.6 अरब नोटों की आपूर्ति की जिसका कुल मूल्य 5.93 लाख करोड़ रुपये है।लेकिन इस संख्या के आधार पर वितरित की गई रकम आरबीआई के पहले के बयानों से मेल नहीं खाती है और जोड़ घटाव करने पर गणितीय रूप से असंभव साबित होती है।वास्तव में, शीर्ष बैंक द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों और पहले के आंकड़ों में काफी बड़ा झोल दिख रहा है और इनमें 66,000 करोड़ रुपये से अधिक का अंतर है।माना जा रहा है कि उच्च मूल्य के 10 फीसदी नोट 500 रुपये के नोट में वितरित किए गए। लेकिन अगर हम यह भी मान लें कि आरबीआई ने केवल 2,000 रुपये के नोट में ही दावा की जा रही रकम की आपूर्ति की है तो भी आंकड़ों में 34,000 करोड़ रुपये का अंतर है।इस बारे में आईएएनएस द्वारा बार-बार स्पष्टीकरण मांगे जाने के बावजूद आरबीआई ने कोई जवाब नहीं दिया।7 दिसंबर को मौद्रिक नीति की प्रेस वार्ता में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर आर. गांधी ने मीडिया को सूचना दी थी कि अब तक कुल 4 लाख करोड़ रुपये नए नोट बैंकों के माध्यम से वितरित किए गए हैं।इस रकम में से कुल 1.06 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 19.1 अरब नोट छोटे नोट के रूप में जारी किए गए। जबकि बाकी के 2.94 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट बड़े नोट (500 और 1000 रुपये के नोट) में जारी किए गए।12 दिसंबर को आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने बताया था कि 21.8 अरब नोट 10 दिसंबर तक जारी किए गए हैं जिनका मूल्य 4.61 लाख करोड़ रुपये है। अगले दिन आरबीआई ने बताया कि इनमें से 20.1 करोड़ नोट 10 से 100 रुपये मूल्य वाले हैं, जबकि ऊंचे मूल्य वाले नोट 170 करोड़ जारी हुए हैं। इनका हिसाब लगाने पर 31,000 करोड़ रुपये का अंतर मिलता है।--आईएएनएस
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