बॉलीवुड के प्रख्यात अभिनेता अनुपम खेर ने सोमवार को कहा कि जब हम देशभक्ति की बात करते है तो लोगों को तकलीफ क्यों होती है। खेर राजधानी के विधानसभा परिसर में चल रहे तीन दिवसीय लोक-मंथन के समापन समाहरोह में पहुंचे थे।
भाजपा सांसद किरण खेर के पति है अनुपम खेर उनका कहना है कि हमसे देशभक्ति की बाते न जाएं। देश भक्ति हमे अच्छे से पता है, टाइम आने पर पता चल जाएगा। देश के प्रति भक्ति कोई किसी को नहीं सिखा सकता ये खुद से अपने अंदर आती है। उनका कहना है कि देश भक्ति हमारे खून में है। हमारे देश भक्ति के नाम से किसी को तकलीफ होती है तो उसका वो कुछ नहीं कर सकते है।
उन्होंने कहा, "पिछले दो-तीन वर्षो में लोगों में सौहार्द की भावना कम हो गई है। और देशभक्ति के मुद्दों को जान-बूझकर उठाया गया हैं। जब लोगों में सौहार्द की भावना की बहस शुरू की गई, तब मेरे भीतर का इंसान जागा और उसने कहा कि यह चुप रहके बैठने का समय नहीं है। इस कारण मैंने जन सौहार्द पर सवाल उठाने वालों का खुलकर विरोध किया।
खेर ने कहा कि वह कश्मीरी पंडित हैं, इसलिए उनकी रगों में देशभक्ति है। अपने ही देश में निर्वासित होने के बाद भी कश्मीरी पंडितों ने कभी भी देश के खिलाफ कोई बात नहीं कही।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि बौद्ध धार्मिक गुरु सोमदोंग रिनपोछे ने लोक-मंथन को समयानुकूल बताते हुए कहा कि यह एक नई दिशा देगा। लोक-मंथन की महत्ता इस बात से है कि इसमें देश, काल, स्थिति को विचार के रूप में स्वीकार करते हुए 'राष्ट्र सर्वोपरि' को महत्व दिया गया है।
उन्होंने कहा, "आज चारों ही स्थितियां सहज नहीं हैं। देश में प्रदूषण का बोलबाला है। स्वच्छ पानी नहीं है। गति की शीघ्रता एवं स्थिति की स्थिरता ने विचित्र परिस्थिति पैदा कर दी है। हर व्यक्ति चुनौतियों की चर्चा करता है। समाधान किसी के पास नहीं है।"
रिनपोछे ने आगे कहा कि हिंसा की अत्यधिक वृद्धि, युद्ध और आतंकवाद के रूप में दिखाई देती है। मनुष्य कहीं भी स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं करता है। महाभारत का युद्ध 18 दिन में समाप्त हो गया, लेकिन वियतनाम का 18 वर्ष चला। अपना शस्त्र बाजार बनाए रखने के लिए तब भी हिंसा हुई, जो आज तक जारी है।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण के लिए प्लास्टिक को जिम्मेदार ठहराया जाता है, लेकिन प्लास्टिक उत्पादन रोकने की बात नहीं होती।
लोक-मंथन आयोजन समिति के कार्याध्यक्ष डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी और आयोजन समिति के सचिव ज़े नंदकुमार ने भी अपने विचार रखे।
स्रोत आईएएनएस
|
Comments: