मौजूदा समय में दुनिया का हर आदमी मोबाईल का इस्तेमाल कर रहा है। लेकिन सेल फोन को हर समय चालू रखने के लिए फोन को बार-बार चार्ज करने की समस्या बनी रहती है। मोबाईल चार्जिंग की इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए कलसलिंगम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने पांच रूपए के सिक्के से चार्ज होने वाले खास चार्जर की तकनीक को ईजाद किया है। जिससे मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी।
यूनिवर्सिटी के इलैक्ट्रॉनिक एवं कम्यूनिकेशन इंजिनियरिंग विभाग में तीसरे वर्ष की पढाई कर रहे छात्र जी.के. सुदर्शन द्वारा बनाई गई डिवाईस को“यूनिवर्सल कॉयन बेस मोबाईल बैटरी चार्जर” का नाम दिया गया है।
छात्र सुदर्शन ने बताया कि यह मशीन एक वैंडिंग मशीन की तरह काम करती है, जिसमें जब हम 5 रूपए का सिक्का डालते हैं तो हम अपने फोन को 10 मिनट के लिए चार्ज कर सकते हैं, मशीन के एलईडी स्क्रीन पर यह समय दिखाई देखा।
छात्र सुदर्शन का मानना है कि यदि इस डिवाईस को सही तरीके से बाजार में उतारा जाता है तो मोबाईल फोन उपभोक्ताओं को बार-बार फोन चार्ज करने में आने वाली समस्या से निजात मिलेगी।
इस डिवाईस को फोन चार्जजिंग सुविधा के लिए सरकारी सहायता से किसी भी सार्वजनिक स्थल, बस अड्डों या रेलवे स्टेशनों पर स्थाई तौर पर भी लगाया जा सकता है, जो आपके फोन को आसानी से चार्ज करेने में सक्षम रहेगी, वहीं सरकार के लिए आमदनी का साधन भी बनेगी।
इस डिवाईस को बनाने में आरंभिक खर्च लगभग 16 हजार रूपए है, लेकिन अधिक उत्पादन करने पर डिवाईस की कीमत में काफी कमी की जा सकती है, सुदर्शन ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए यूनिवर्सिटी के साईंस एवं टेक्नलॉजी विभाग द्वारा एक लाख रूपए की मंजूरी दी गई थी।
इस डिवाईस की तकनीक को पेटेंट करवाने के लिए भी शीघ्र ही आवेदन किया जाएगा। कलासलिंगम यूनिवर्सिटी चांसलर के. श्रीधरन, वाइस चांसलर एस. सरवण शंकर व निदेशक एस. शशि आनंद ने छात्र सुदर्शन की इस सफलता पर बधाई दी।
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