पिछले महीने उड़ी में हुए आतंकी हमले और दिवाली का त्यौहार नजदीक होने के चलते पूरे दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। इस बाबत दिल्ली पुलिस ने गुरूवार को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए जासूसी करने के आरोप में पाकिस्तानी दूतावास के एक अधिकारी से पूछताछ की।
पूछताछ में इस दो भारतीयों को भी गिरफ्तार किया गया है। जिनसे पूछताछ अभी भी जारी है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी महमूद अख्तर को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया था, लेकिन राजनयिक छूट की वजह से बाद में छोड़ दिया गया।
इस दावे को झूठा करार देते हुए पाकिस्तान ने कहा कि दिल्ली में अपने उच्चायोग के एक कर्मचारी को हिरासत में लिए जाने तथा उसके साथ दुर्व्यवहार की निंदा करते हुए जासूसी के आरोप से इनकार किया। इस आरोप में नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी को भारत ने आज ही तत्काल देश छोड़ने का आदेश दिया।
पाकिस्तन के विदेश मंत्रालय ने यहां जारी एक बयान में कहा कि उच्चायोग के कर्मचारी को जासूसी के झूठे और निराधार आरोप में हिरासत में लिया गया और शनिवार तक भारत छोड़ने के लिए कहा गया।
बयान में कहा गया कि हम अपने कूटनीतिक कर्मचारी को हिरासत में लिए जाने और उसके साथ दुर्व्यवहार की निंदा करते हैं।
विदेश मंत्रालय के बयान में भारत के इस आरोप को खारिज किया गया कि कर्मचारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए रैकेट चलाता था और सुरक्षा संबंधी संवेदनशील जानकारियां जुटा रहा था।
उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई साफ तौर पर पाकिस्तान उच्चायोग के कामकाज के लिए कूटनीतिक विस्तार को कम करने के भारतीय प्रयास को दर्शाता है।
इस घटना में गिरफ्तार दोनों भारतीय की पहचान मौलाना रमजान और सुभाष जांगीर के रूप में की गई है। दोनों से पूछताछ में पता चला है कि वह राजस्थान के रहने वाले है।
बता दें कि ये गिरफ्तारियां बुधवार रात को खुफिया एजेंसी से जानकारी मिलने के बाद अपराध शाखा की अंतर्राज्यीय सेल ने की।
यह पहली बार नहीं है कि जब पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी भारत में कथित जासूसी की वजह से रडार पर हैं।
श्रोत- आईएएनएस
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