क्विटो, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र का आवास और दीर्घकालिक शहरी विकास सम्मेलन 17 से 20 अक्टूबर तक इक्वाडोर में होगा।
इस सम्मेलन में अगले 20 वर्षो के लिए दीर्घकालिक शहरी विकास में उपलब्धियों का वैश्विक मानदंड तय होगा। 'यूएन कांफ्रेंस ऑन हाउसिंग एंड सस्टेनेबल अर्बन डेवलपमेंट' नाम की इस बैठक को हैबिटेट-3 के नाम से भी जाना जाता है।
इक्वाडोर के सुरक्षा मंत्री सेजर नावास के मुताबिक, इसमें संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून सहित दुनिया भर के करीब 45 हजार प्रतिभागी भाग लेंगे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, हैबिटेट थ्री में टिकाऊ शहरों एवं प्रत्येक मानव के लिए रहने की व्यवस्था और एक नए शहरी एजेंडा को स्वीकार करने को लेकर क्विटो घोषणापत्र पर हस्ताक्षर होने की भी उम्मीद है।
संयुक्त राष्ट्र के ह्यूमन सेटेलमेंट प्रोग्राम (यूएन-हैबिटेट) के कार्यकारी निदेशक जोआन क्लोस ने कहा, "यह सम्मेलन सरकारों के लिए समानता, कल्याण और साझा समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालिक विकास के सभी पहलुओं को एक साथ समाहित करने का एक अनोखा अवसर है।
"दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1960 और 1970 के दशक में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी इलाकों में जाकर बसने की गति बहुत तेजी से बढ़ी है। देहात और शहरों में गैर बराबरी ने दुनिया भर में करोड़ों लोगों को आर्थिक अवसर की तलाश में शहरों में ला दिया। इससे शहरों में प्रमुख समुदायों के आस-पास मलिन बस्तियां (स्लम) और अन्य अवैध बस्तियां बस गईं।
इसके साथ ही अपराध, बीमारियां और अराजकता बढ़ गई।पहली यूएन कांफ्रेंस ऑन ह्यूमन सेटलमेंट्स, जिसे हैबिटेट-1 नाम से जाना जाता है, 1976 में कनाडा के वैंकूवर में हुई थी। उसके घोषणापत्र में कहा गया था कि पर्याप्त आश्रय और रोजगार बुनियादी मानवाधिकार हैं।
इस कांफ्रेंस ने 1978 में यूएन-हैबिटेट के गठन का मार्ग प्रशस्त किया जिसे मानव बस्ती एवं दीर्घकालिक शहरी विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र के विभाग के रूप में जाना जाता है।वर्ष 1996 में हैबिटेट-2 का आयोजन तुर्की के इस्तांबुल में और बेहतर ढंग से किया गया।
शहरीकरण का प्रबंध किस तरह से किया जाए, इसके लिए राष्ट्रीय एवं स्थानीय सरकारों, स्वयंसेवी संगठनों, अकादमिक संस्थानों और निजी कंपनियों को इसमें अपनी राय देने के लिए आमंत्रित किया गया था।
वर्ष 2014 के दिसम्बर में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हैबिटेट-3 का आयोजन अक्टूबर 2016 में इक्वाडोर में करने का निर्णय लिया था।
यह निर्णय पिछले 40 वर्षो के दौरान दुनिया भर में शहरीकरण में आई बहुत तेजी को देखते हुए लिया गया।वर्ष 1976 में दुनिया की कुल जनसंख्या में से 37.9 प्रतिशत लोग शहरी क्षेत्रों में रहते थे। यह संख्या 1996 में बढ़कर 45.1 प्रतिशत हो गई और अब यह 54.5 प्रतिशत हो गई है।
--आईएएनएस
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