नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| कारपोरेट कंपनियों का कर्ज माफ किए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों से निजी कंपनियों ने कर्ज लेकर चुकाया नहीं। यह 2जी घोटाले से 10 गुना बड़ा घोटाला है।
भारतीय कॉरपोरेट ने राष्ट्रीयकृत बैंकों से 11 लाख करोड़ से भी अधिक कर्ज लिए, जिनका उन्होंने भुगतान नहीं किया। उनसे वसूली के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया, बल्कि गत दो वर्षो में 1.12 लाख करोड़ की रकम माफ कर दी।माकपा के नेता ने सोशल नेटवर्किं ग साइट ट्विटर और फेसबुक पर कहा है कि यह एक बहुत बड़ा घोटाला है। यह घोटाला 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से 10 गुना बड़ा है।जब आप गरीबी की वजह से आत्महत्या कर रहे किसानों का कर्ज माफ करने के लिए कहते हैं तो सरकार यह कहते हुए अपने पास पर्याप्त संसाधन न होने की बात कहकर अनिच्छा दिखाती है, लेकिन वह 1.12 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट कंपनियों का कर्ज माफ कर सकती है। आखिर इसका राज क्या है?येचुरी के अनुसार, यह सरकार का असली चेहरा दिखाता है।
सरकार के बैड बैंक के गठन के प्रस्ताव का विरोध कर रहे येचुरी ने बैंकों के पुनर्गठन की जगह कर्ज वसूली का आह्वान किया है।उन्होंने कहा है, बैड बैंक के गठन का सुझाव खराब विचार है। इसकी वजह से कर्ज नहीं लौटाने वाले बड़े बकायेदार निरापद हो जाएंगे। आप केवल इसलिए राष्ट्रीयकृत बैंकों का पुनर्गठन नहीं कर सकते, ताकि वे एक बार फिर कारपोरेट्स को खरात बांट सकें।येचुरी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कर्ज लेकर न लौटाने वाले 100 शीर्ष कर्जदारों का नाम सार्वजनिक कर उन्हें शर्मसार करने को कहा है। साथ ही बैड बैंक के गठन का विरोध किया है।येचुरी ने कहा, ये धन जिसे इस तरह से गबन किया गया, वह जनता का है। बैड बैंक के गठन की जगह सरकार को कारपोरेट से कर्ज वसूली के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए।
--आईएएनएस
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