अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शुक्रवार को डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। ट्रंप को यहां के प्रधान न्यायाधीश जाॅन राॅबर्ट्स ने शपथ दिलाई। ट्रंप अब्राहम लिंकन की बाइबल पर अपना बायां हाथ रखकर शपथ लिए। इसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र को सम्बोधित किया। ट्रंप अपने 15 के सम्बोधन में इस्लामी आतंकवाद को नष्ट करने पर जोर दिया।
अपने शासन का मूलमंत्र ‘अमेरिका फस्ट’ का रूप देते हुए ट्रंप ने अपने भाषण में देशवासियों से वादा करते हुए विश्वास दिलाया कि अमेरिका को एक बार फिर से ऐसे राष्ट्र के रूप में तैयार किया जाएगा कि अमेरिकी फिर से अपने सपने संजो सके।
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने संबोधन में दुनिया से आतंक को जड़ से सफाया करने पर जोर देते हुए कहा कि पूरी दुनिया से इस्लामी आतंकवाद को नष्ट किया जाएगा। इसके साथ ही लोगों को विश्वास दिलाया कि उनका शासन दूसरे देशों पर अपना शासन नहीं थोपने देंगे।
आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया को एक करने को लेकर ट्रंप ने कहा कि हम पूराने रिश्तों को नया रूप देंगे और आतंकवाद के खिलाफ सभ्य देशों को एकजुट कर कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद को धरती से सफाया करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिकियों की नौकरियां फिर से बहाल की जाएगी।
यूएस कैपिटोल से राष्ट्र को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि हम साथ मिलकर अमेरिका और दुनिया की कार्यप्रणाली तय करेंगे। जिसे कई वर्षो तक मान्य किया जाएगा।
आगे ट्रंप ने कहा कि हम आने वाली हर कठिनाइयों और चुनौतियों डट कर सामना करेंगे। अमेरिका के समाने मौजूदा समय में सामने आई चुनौतियों का सामना करने का हवाला देते हुए ट्रंप ने कहा कि हम वॉशिंगटन डीसी से सत्ता का हस्तांतरण कर रहे हैं और इसे अमेरिकी जनता के हाथों में सौंप रहे हैं।
गौरतलब है कि ट्रंप पिछले नवबंर को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अपने विपक्षी हिलेरी क्लिंटन को हराया।
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