भारत में हरित प्रौद्योगिकी एवं स्मार्ट सिटी व स्किल इंडिया जैसे महत्वाकांक्षी उपक्रमों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को स्वीडन की शिक्षा मंत्री अन्ना एक्सट्रोम से मुलाकात की। वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन से इतर एक बैठक में पीएम ने साल 2016 में मेक इन इंडिया को लेकर स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के भारत दौरे को याद करते हुए उनके समर्थन के लिए शुक्रिया कहा।
अपने इस मुलाकात को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि हरित प्रौद्योगिकी, स्मार्ट सिटी, स्किल इंडिया तथा डिजिटल इंडिया में स्वीडन के निवेश को लेकर भारत में व्यापक संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने एक आधिकारिक बयान में दानों देशों के मुलाकात को बेहतर बताया है। पीएम ने कहा कि भारत व स्वीडन के बीच व्यापार व निवेश संबंध बेहद मजबूत है। हमारे बीच वर्तमान में दो अरब डॉलर का व्यापार हो रहा है, जिसे अगले दो वर्षो में पांच अरब डॉलर तक बढ़ाने पर दोनों देशों ने सहमति जताई है।
भारत में निवेश को लेकर पीएम ने कहा कि दो तरफा निवेश में भी तेजी आई है। स्वीडन की कंपनियों ने भारत में 1.2 अरब डॉलर का निवेश किया है, वहीं भारतीय कंपनियों ने स्वीडन में 70 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
एक्सट्रोम का स्वागत करते हुए मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि स्टॉकहोम में अगस्त 2017 में होने वाले सांस्कृतिक समारोह के लिए भारत को फोकस कंट्री के रूप में चुना गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) तथा परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता का समर्थन करने के लिए स्वीडन का शुक्रिया अदा किया। साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन करने के लिए भी स्वीडन का शुक्रिया अदा किया।
वहीं अपने इस मुलाकात को लेकर स्वीडन की मंत्री ने कहा कि लोफवेन के भारत दौैरे के दौरान किए गए समझौते के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उनका देश प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि स्वीडन विभिन्न क्षेत्रों में भारत के साथ साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है।
दोनों देशों के व्यापार को लेकर मंत्री ने कहा कि भारत-स्वीडन बिजनेस लीडर्स राउंड टेबल भी बेहद सक्रिय है और इसने भारत के साथ लाभदायक साझेदारी को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
गौरतलब है कि यह पांचवां वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन 10 जनवरी से 13 जनवरी तक चल रहा है। सम्मेलन का मुख्य उद्ेश्य सतत आर्थिक व सामाजिक विकास है।
स्रोत--आईएएनएस
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