यूपी की सत्तारूढ़ पार्टी समाजवादी पार्टी के दोनों गुटों में साइकिल पर अपने-अपने दावे को लेकर समाजवादी परिवार में बढ़े तनाव को खारिज करते हुए सोमवार को सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उनके और उनके पुत्र मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच कोई मतभेद नहीं है। हालांकि सपा मुखिया ने पार्टी में आई दरार को स्वीकार किया है।
सपा मुखिया का यह बयान निर्वाचन आयोग द्वारा सपा के चुनाव चिह्न् साइकिल को लेकर दावों पर जल्द फैसला लेने की बात कहने के बाद सामने आई है।
पार्टी मुखिया ने एक सप्ताह के भीतर लगातार दूसरी बार मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी से मुलाकात की। इस दौरान मुलायम सिंह ने चुनाव चिन्ह साइकिल पर अपना दावा जताते हुए अपने चचेरे भाई राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव पर पार्टी में झगड़ा लगाने का आरोप लगाया।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी से मुलाकात के बाद मुलायम ने रामगोपाल यादव की ओर स्पष्ट तौर पर इशारा करते हुए पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सिर्फ एक शख्स पार्टी में समस्याएं पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोई है, जो मेरे बेटे (अखिलेश) को बहका रखा है। मैंने उससे रविवार रात और आज (सोमवार) सुबह भी बात की है। मेरे और मेरे बेटे के बीच कोई विवाद नहीं है।
पार्टी विवाद को लेकर मुलायम ने कहा कि पार्टी में थोड़ा बहुत विवाद है, ज्यादा नहीं। इसके लिए सिर्फ एक शख्स जिम्मेदार है। लेकिन, मेरे लखनऊ पहुंचने पर मामले को जल्द सुलझा लिया जाएगा।
मुलायम सिंह ने राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव को सपा से निष्कासित किए जाने की सूचना दी है।
पार्टी के ज्ञात सूत्रों ने कहा है कि जैदी से मुलाकात के वक्त मुलायम ने जोर दिया कि एक जनवरी को हुए अधिवेशन के दौरान उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया जाना अवैध है।
गौरतलब है कि पार्टी के चुनाव चिह्न् साइकिल पर अपना दावा ठोकने आए मुलायम ने जैदी से लगभग 40 मिनट तक बातचीत की। उनके साथ उनके भाई शिवपाल यादव व वरिष्ठ नेता अमर सिंह भी थे।
सोमवार को बाद में अखिलेश गुट से रामगोपाल यादव भी निर्वाचन आयोग के दफ्तर पहुंचे और पार्टी के चुनाव चिह्न् पर जल्द फैसले का आग्रह किया।
इस दौरान रामगोपाल ने कहा कि हमने उनसे चुनाव चिह्न् पर जल्द से जल्द फैसला लेने के लिए कहा है, क्योंकि 17 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने मुलायम के उस बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके व अखिलेश के बीच कोई मतभेद नहीं है।
इससे पहले अखिलेश यादव की तरफ से एक वकील देवेंद्र उपाध्याय ने कहा कि पार्टी के चुनाव चिह्न् पर मुलायम ने रामगोपाल द्वारा दाखिल जवाब को स्वीकार करने से एक बार फिर इनकार कर दिया।
उपाध्याय ने पत्रकारों से कहा कि निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि उनके समक्ष जवाब दाखिल करने से पहले हम उसकी एक प्रति मुलायम सिंह यादव को दें। मैंने उन्हें प्रति देने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने उसे लेने से इनकार कर दिया।
स्रोत--आईएएनएस
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