साल भर से जम्मू-कश्मीर के घाटी में फैली अशांति और हिंसा के लिए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इसके लिए पाकिस्तान और अलगाववादियों को जिम्मेदार ठहराया है। इसको लेकर विपक्ष लगातार विधानसभा की कार्यवाही बाधित करता रहा है। विपक्ष को जवाब देते हुए सोमवार को मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पिछले साल घाटी में हिंसा और षड्यंत्रों के लिए पाकिस्तान और अलगाववादी जिम्मेदार है।
घाटी में फैले अशांति को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कश्मीरी पंडित कालोनी और सैनिक कालोनी जैसे मुद्दे काम नहीं करते तो बुरहान वानी की मौत को अशांति फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
इस मुद्दे पर पाकिस्तान के रवैये को लेकर महबूबा ने कहा कि पाकिस्तान और अलगाववादियों ने सर्वदलीय बैठक के दरवाजे बंद कर वार्ता प्रक्रिया को पटरी से उतार दिया, क्योंकि उन्होंने पहले ही घाटी में अशांति फैलाने की तैयारी कर रखी थी।
मुख्यमंत्री ने स्थिति को संभालने के लिए सुरक्षाबलों का बचाव करते हुए कहा कि जब भीड़ पेट्रोल बम, पत्थरों और कुल्हाड़ियों के साथ पुलिस थाने पर हमला करती है तो बल का प्रयोग नहीं करना मुश्किल हो जाता है।
हिंसा में मारे जाने वाले लोगों को मुआवजा देने का एलान करते हुए महबूबा ने कहा कि हिसा में मारे गए लोगों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा और सुरक्षाबलों की पैलेट गन से दृष्टि गंवा चुके लोगों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सुरक्षाबलों द्वारा अत्यधिक बल का प्रयोग करने के दोषी पाए जाने वालों को दंडित करने का भी वादा किया।
गौरतलब है कि घाटी में आठ जुलाई 2016 को सुरक्षाबलों द्वारा हिजबुल कमांडर बुरहान वानी को मार गिराए जाने के बाद हिंसा फैल गई थी।
स्रोत--आईएएनएस
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