भोपाल, 12 जनवरी (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में शीतलहर ने गुरुवार को आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। कई स्थानों पर तो फसलों पर ओस की बूंदें तक जमी नजर आईं। राज्य में न्यूनतम तापमान एक डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी से राज्य में शीतलहर का असर बढ़ गया है। गुरुवार सुबह कोहरा छाने के साथ ठंड रही। वहीं दिन में खिली धूप ने ठंड से कुछ राहत तो दिलाई, लेकिन सर्द हवाओं के बीच लोगों ने जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकलने की हिम्मत दिखाई।
राज्य के कई हिस्सों से फसलों पर ओस की बूंदें तक जमी नजर आईं। बैतूल में खेतों में सुबह से हर तरफ ओस की बूंदे दिखीं। यहां न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बढ़ती ठंड के बीच यहां की शिक्षण संस्थाओं का समय बदल दिया गया है। अब कक्षाएं सुबह साढ़े आठ बजे के बाद शुरू होंगी। यही कुछ हाल उमरिया में रहा जहां तापमान तीन डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।राज्य में सबसे ठंडा दमोह रहा, जहां न्यूनतम तापमान एक डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ठंड से बचने के लिए जगह-जगह अलाव जलाना पड़ रहा है।मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों में चंबल, ग्वालियर, भोपाल, सागर, रीवा संभाग में शीतलहर का असर बढ़ने का अनुमान जताया है। वहीं कई स्थानों पर कोहरा छाने की संभावना है।राज्य के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार को भोपाल का न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 7.3 डिग्री सेल्सियस, ग्वालियर का तीन डिग्री सेल्सियस और जबलपुर का न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।वहीं बुधवार को भोपाल का अधिकतम तापमान 19.7 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 19.4 डिग्री सेल्सियस, ग्वालियर का 20.4 डिग्री सेल्सियस और जबलपुर का अधिकतम तापमान 19.8 डिग्री सेल्सियस रहा।--आईएएनएस
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