जम्मू, 11 जनवरी (आईएएनएस)| कश्मीर घाटी में बीते वर्ष दो महीने से भी अधिक समय तक नागरिकों और सुरक्षाबलों के बीच चली झड़पों और हिंसा के दौरान हुई मौतों के विरोध में विपक्षी दलों के सदस्यों ने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया। विपक्ष इस मामले की जांच कराने की मांग कर रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष कवींद्र गुप्ता ने जैसे ही कार्यवाही शुरू करने के लिए आसन ग्रहण किया, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य फौरन अपनी-अपनी कुर्सी पर खड़े हो गए।विपक्ष पहले भी इस मामले की जांच कराए जाने की मांग कर चुका है, जिसे अस्वीकार कर दिया गया था। सरकार विरोधी नारे लगाते हुए विपक्षी सांसद शोरगुल के बीच सदन से बाहर चले गए।गौरतलब है कि आठ जुलाई 2016 को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी की सुरक्षाबलों के हाथों मौत के बाद घाटी अशांति और हिंसा की चपेट में आ गया, जिसमें कम से कम 100 लोग मारे गए। इनमें से अधिकांश नागरिक थे।घटना के कारण लगभग पांच महीनों तक कश्मीर घाटी में जनजीवन प्रभावित रहा।--आईएएनएस
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