नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)| प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले के पांचवें दिन बुधवार को राजकमल प्रकाशन समूह के मंच पर कुसुम खेमानी की किताब 'जड़िया बाई' का लोकार्पण मैत्रेयी पुष्पा, मृदुला गर्ग और पुरुषोत्तम अग्रवाल ने किया। साथ ही मृदुला गर्ग की किताब 'वसु का कुटुम' तथा पुरुषोत्तम अग्रवाल के उपन्यास 'नाकोहस' के अंश का पाठ किया गया तथा इन पर परिचर्चा की गई। 'वसु का कुटुम' मृदुला गर्ग की अब तक लिखी गई कहानियों से अलग हटकर है। 'वसु का कुटुम' दिल्ली के 'दामिनी दुष्कर्म कांड' की थीम पर बुनी कहानी है।
लेखिका मृदुला गर्ग ने पाठकों से बातचीत करते हुए कहा, "मैंने दामिनी को अपने उपन्यास का चरित्र इसलिए चुना, क्योंकि हमारे समाज में यह धारणा है कि अगर किसी के साथ बलात्कार जैसा संगीन हादसा हुआ हो, तो वह लोगों के नजर में बेचारी हो जाती है। मगर वह बेचारी नहीं है, बल्कि उस घटना से उसमें और ताकत आ जाती है और उसे भी बाकी लोगों की तरह जीने का अधिकार होना चाहिए।"पुरुषोत्तम अग्रवाल के उपन्यास 'नाकोहस' समकालीन सामाजिक, राजनीतिक दबावों के दुष्चक्र में फंसी मनुष्य की चेतना, संघर्ष व पीड़ा को उकेरने के प्रयास की कहानी है।नाकोहस उपन्यास शीर्षक पर लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कहा, "नाकोहस खबरों में नहीं होता है, बल्कि यह वातावरण में होता है। यह उपन्यास भय और चिंता से उत्पन हुआ है।"राजकमल प्रकाशन ने अपने स्टॉल पर पाठकों के लिए एक अनोखी योजना भी चलाई है। एक सेल्फी प्वाइंट 'हिंदी हैं हम' पर तस्वीर खींचकर उसे फेसबुक पर पोस्ट करने पर किताबों पर 5 प्रतिशत की छूट मिल रही है। यह पुस्तक प्रेमियों को काफी पसंद आ रही है।इस साल पुस्तक मेले की थीम 'मानुषी' है, जिसके मद्देनजर राजकमल प्रकाशन हर दिन महिला लेखिकाओं को अपने मंच पर ला रहा है।--आईएएनएस
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