गांधीनगर, 11 जनवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि नोटबंदी के प्रभाव के साथ वस्तु एवं सेवा कर का क्रियान्वयन देश की विकास दर बढ़ाने में एक बड़े उत्प्रेरक का काम कर सकता है। जेटली ने यहां कहा, "नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण होने और जीएसटी लागू होने पर औपचारिक अर्थव्यवस्था में विस्तार होगा। इन दोनों कारकों में अर्थव्यवस्था को बढ़ाने तथा विकास दर में वृद्धि करने की क्षमता है।"
जीएसटी पर आयोजित सम्मेलन में उन्होंने कहा, "मैं उम्मीद करता हूं कि इसी साल हमें उनके प्रभाव देखने को मिलेंगे।"यहां चल रहे वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन 2017 के हिस्से के रूप में 'जीएसटी : द गेम चेंजर फॉर इंडियन इकॉनोमी' सम्मेलन का आयोजन किया गया था।केंद्रीय वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई कि अगले कुछ सप्ताहों में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित दोहरे कर नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का हल निकल जाएगा।जेटली ने कहा, "जीएसटी परिषद में लोकतांत्रिक ढंग से चर्चा के बाद निर्णय किया जाता है। अधिकांश मुद्दे सुलझा लिए गए हैं। कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे बचे हुए हैं और मै उम्मीद करता हूं कि वे भी सुलझा लिए जाएंगे।"वित्त मंत्री ने कहा, "अगर सारे मुद्दों का हल निकाल लिया जाता है तो हम चाहते हैं कि जीएसटी 1 अप्रैल से लागू हो जाए।"उन्होंने कहा, "चूंकि संवैधानिक संशोधन पारित हो चुका है, इसलिए सितम्बर महीने से पहले जीएसटी लागू करना बाध्यकारी है।"जेटली ने कहा, "जीएसटी सभी करों का विलय करता है और भारत को एकात्मक स्वरूप प्रदान करता है। यह कर देने वाले के लिए लाभदायक है, क्योंकि कर का व्यापक प्रभाव नहीं पड़ेगा और इससे राज्यों को काफी राजस्व भी प्राप्त होगा।"जीएसटी परिषद की अगली बैठक 16 जनवरी को होगी, जिसमें दोहरे कर नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी।वर्तमान नकदी की कमी के कारण विभिन्न क्षेत्रों को हुई असुविधाओं के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कड़े फैसले शुरू में कठिन दौर से गुजरते हैं। क्षणिक असुविधाओं के बाद नोटबंदी का असली प्रभाव महसूस होगा।--आईएएनएस
|
Comments: