नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)| हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण में 68 फीसदी लोगों ने कहा है कि होटल और रेस्तरां द्वारा लगाया जाने वाला सर्विस चार्ज वैकल्पिक होना चाहिए। वहीं 27 फीसदी लोगों ने इसका विरोध किया।
संस्था 'लोकलसर्किल्स' द्वारा करवाए गए इस सर्वेक्षण में 26,000 लोगों की प्रतिक्रियाएं हासिल की गईं, जिनमें पांच फीसदी प्रतिभागियों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।सर्वेक्षण के अनुसार, 61 फीसदी लोगों ने सर्विस चार्ज का नाम बदलकर सर्विस टिप किए जाने पर सहमति जताई, जबकि 33 फीसदी लोगों ने सहमति नहीं जताई और छह फीसदी लोगों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।68 फीसदी लोगों ने कहा कि अच्छी सेवा मिलने पर वे सर्विस चार्ज देना चाहेंगे, बशर्ते वह रेस्तरां के कर्मचारियों पर खर्च हो। वहीं 26 फीसदी लोगों ने सर्विस चार्ज भुगतान न करने की बात कही, जबकि छह फीसदी लोगों का उत्तर था 'कह नहीं सकते'।सर्वेक्षण से साफ इंगित होता है कि अधिकतर लोग सर्विस चार्ज के पक्ष में हैं।उल्लेखनीय है कि कुछ ही दिन पहले उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने दो जनवरी को एक अधिसूचना जारी कर कहा था कि सर्विस चार्ज पूर्णत: ग्राहक के विवेक पर निर्भर करता है और अगर वह मिली सेवा से संतुष्ट नहीं है तो सर्विस चार्ज का भुगतान करने से इनकार कर सकता है।42 फीसदी लोगों का मानना है कि सर्विस चार्ज प्रबंधन पर खर्च होता है, जबकि 26 फीसदी लोगों को विश्वास है कि इसका कुछ हिस्सा कर्मचारियों को दिया जाता है। वहीं सिर्फ पांच फीसदी लोगों का मानना है कि पूरा का पूरा सर्विस चार्ज कर्मचारियों के हिस्से में जाता है।इससे भी साफ पता चलता है कि लोगों में इस बात को लेकर अविश्वास है कि सर्विस चार्ज का सही उपयोग होता है।--आईएएनएस
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