कोलकाता, 11 जनवरी (आईएएनएस)| नोटबंदी के कारण रियल एस्टेट बाजार में आई सुस्ती के कारण 2016 की अंतिम तिमाही में कुछ राज्यों को स्टांप शुल्क में अनुमानित तौर पर 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कंसल्टेंट कंपनी नाइट फ्रैंक ने बुधवार को यह जानकारी दी। कंपनी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, "नोटबंदी के कारण साल 2016 में अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही के दौरान मकानों की बिक्री में आई कमी से देश के शीर्ष आठ शहरों में रियल एस्टेट के क्षेत्र में 22,600 करोड़ रुपये से अधिक के राष्ट्रीय राजस्व का नुकसान हुआ है।"
कंपनी के मुख्य अर्थशास्त्री तथा शोध के राष्ट्रीय निदेशक सामंतक दास ने कहा, "अगर सरकार ने नोटबंदी का फैसला न लिया होता, तो रियल एस्टेट बाजार को राजस्व का नुकसान न होता। 2016 की अंतिम तिमाही में कुछ राज्यों को स्टांप शुल्क संग्रह में 1,200 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।"मुंबई, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), बेंगलुरू, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता तथा अहमदाबाद के बाजारों पर नजर रखने वाली शोध कंपनी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 की अंतिम तिमाही में रियल एस्टेट के क्षेत्र में बिक्री में पिछले साल की तुलना में 44 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि नई परियोजनाओं में 61 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।--आईएएनएस
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