लखनऊ , 11 जनवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश पुलिस को पहले से अधिक हाईटेक करने के लिए पुलिस की ओर से सीसीटीएनएस योजना की शुरुआत वर्ष 2015 में की गई थी। इस योजना के लागू होने के बाद उप्र पुलिस को काफी उत्साहजनक परिणाम मिले। इससे उत्साहित होकर उप्र पुलिस ने अब इस योजना को और व्यापकता देने की कवायद शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश पुलिस की इस महात्वाकांक्षी योजना की जानकारी स्पेशल टास्क फोर्स के पुलिस महानिरीक्षक राम कुमार ने बातचीत के दौरान दी। उन्होंने बताया कि किस तरह इस योजना की शुरुआत के बाद लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है।
एसटीएफ के पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि सीसीटीएनएस योजना के तहत विगत दस वर्षो का डाटा डिजिटलाइज्ड कराते हुए प्रदेश के समस्त थानों पर साफ्टवेयर के माध्यम से एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। इस योजना के तहत दर्ज एफआईआर नागरिक आसानी से प्राप्त कर सकें इसके लिए 24 घंटे के अंदर उप्र पुलिस की वेबसाइट पर आसानी से देख सकता है।राम कुमार ने बताया, "इस योजना के तहत वर्ष 2015 में कुल 358223 अभियोग पंजीकृत किए गए थे। वर्ष 2016 में यह बढ़कर 467627 तक पहुंच गया। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह यह योजना लोगों को रास आ रही है।"पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2016 में जो अभियोग पंजीकृत किए गए उनमें 16,800 ऑनलाइन एवं 4,50,827 आफ लाइन पंजीकृत किए गए। इस योजना के तहत लखनऊ में 23297, गाजियाबाद में 18839, आगरा 16131, इलाहाबाद में 14821 और कानपुर में 12944 अभियोग पंजीकृत किए गए।पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि इस योजना के तहत सबसे खराब स्थिति भदोही, बलरामपुर, चित्रकूट, महोबा व श्रावस्ती में है। इन जिलों में अभी सुधार की और गुंजाइश बची हुई है। इसके अतिरिक्त आम नागरिक बिना थाने गये घर से ही एफआईआर दर्ज करा सके इकसे लिए सम्पूर्ण प्रदेश के लिये ई-थाना की स्थापना लखनऊ में की गई है। यह थाना 24 घंटे क्रियाशील रहता है।राम कुमार की माने तो शिकायतकर्ता एफआईआर दर्ज करते ही उसकी सूचना उसके ई-मेल आईडी व मेल व मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से पहुंचाई जाती है। ई थाने पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए एक वाटसएप नम्बर 9454401003 जारी किया गया है। भविष्य में इस सुविधा को और बेहतर तरीके से अंजाम देने का प्रयास किया जायेगा।--आईएएनएस
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