नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)| निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता साक्षी महाराज को कारण बताओ नोटिस जारी किया और कहा कि प्रथमदृष्टया राय बनती है कि 'रद्द करने वाला बयान' देकर उन्होंने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। मेरठ में आयोजित एक धार्मिक सभा में दिए गए उन्नाव के सांसद महाराज के भाषण की व्यापक निंदा हो रही है। उनकी अपनी पार्टी भाजपा ने उनकी टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया है।
गत छह जनवरी को संतों के एक समागम को संबोधित करते हुए भाजपा के विवादास्पद सांसद ने एक समान कानून लागू करने का आह्वान किया और अप्रत्यक्ष तौर पर जनसंख्या विस्फोट के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराया था।उन्होंने कहा था, "जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और इसी के अनुपात में देश की समस्याएं भी। लेकिन, हिंदू इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं। जो लोग चार पत्नी और 40 बच्चों की बात करते हैं, वे इसके लिए जिम्मेदार हैं।"निर्वाचन आयोग ने अपने नोटिस में कहा कि आदर्श आचार संहिता में यह स्पष्ट है कि जातीय या सांप्रदायिक भावनाओं वाली कोई अपील नहीं की जानी चाहिए। आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का भी उल्लेख किया है जिसमें कहा गया है कि चुनाव के दौरान या अन्यत्र भी बयान देते समय किसी को भी धर्म और जाति का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।आयोग ने कहा है कि उसकी प्रथमदृष्टया यह राय है कि साक्षी महाराज ने आदर्श आचार संहिता के उक्त प्रावधानों का उल्लंघन किया है और ऐसा रद्द करने वाला बयान देकर जानबूझकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को नहीं माना है।--आईएएनएस
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