पणजी, 9 जनवरी (आईएएनएस)| महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) ने कहा है कि पुर्तगाल के पूर्व उपनिवेश गोवा में औपनिवेशिक काल में किए गए अत्याचारों के लिए वहां के प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए और पुर्तगाली वाणिज्य दूतावास को राज्य से बाहर स्थानान्तरित किया जाना चाहिए। एमजीपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और पूर्व लोक निर्माण मंत्री सुदीन धवलिकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, "उन्हें (पुर्तगाल के प्रधानमंत्री को) सबसे पहले गोवावासियों से माफी मांगनी चाहिए, उन सभी कठिनाइयों और अत्याचारों के लिए जिनका सामना गोवा के लोगों ने पुर्तगाल के शासनकाल में किया था।"
धवलिकर ने कहा, "साल 1961 में गोवा छोड़ते वक्त पुलों को उड़ा कर और तबाही मचाकर उन्होंने जो विध्वंस किया था, वह अक्षम्य है।"पूर्व मंत्री की यह टिप्पणी पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा के राज्य के दौरे के कार्यक्रम से एक दिन पहले आई है। कोस्टा गोवा मूल के पुर्तगाली नागरिक हैं।हालांकि, धवलिकर ने कहा कि महारष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी कोस्टा के दौरे का विरोध नहीं करेगी, क्योंकि 'वह धरती पुत्र हैं और अपने गृह राज्य का दौरा कर रहे हैं।'पूर्व मंत्री ने गोवासियों द्वारा पुर्तगाली पासपोर्ट की इच्छा जाहिर किए जाने के कारणों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्य में पुर्तगाली वाणिज्य दूतावास की उपस्थिति ही इसकी जड़ में है। उन्होंने इसे अन्यत्र स्थानान्तरित करने की मांग की।धवलिकर ने कहा, "वाणिज्य दूतावास की मदद से वे हमारे युवाओं को फुसलाने की कोशिश कर रहे हैं। इसे तुरंत गोवा से बाहर स्थानान्तरित किया जाना चाहिए।"गोवा पुर्तगाल के पुराने उपनिवेशों में एक था और साल 1961 में भारतीय सेना ने औपनिवेशिक शासन से इसे मुक्ति दिलाई थी। एक आम अधिसूचना के जरिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गोवा के सभी मूल निवासियों को भारत की नागरिकता प्रदान की थी।--आईएएनएस
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