नई दिल्ली, 9 जनवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को अगस्ता वेस्टलैंड मामले में पूर्व वायु सेनाध्यक्ष एस.पी. त्यागी को मिली जमानत को अदालत में चुनौती दी। सीबीआई ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आई. एस. मेहता से कहा कि जमानत पर रिहा त्यागी मामले को लटकाने की कोशिश कर सकते है। जांच एजेंसी ने मामले की जल्द सुनवाई का आग्रह किया।
सीबीआई की ओर से त्यागी की जमानत रद्द करने के लिए दायर याचिका और एक अतिरिक्त हलफनामे का जवाब देने के लिए त्यागी के वकील ने अदालत से और अधिक समय देने का अनुरोध किया। इस पर अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 18 जनवरी तय कर दी।सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले में कई देशों की संलिप्तता का हवाला देते हुए कहा, "यह एक गंभीर अपराध है जिसने देश को शर्मसार किया है। आरोपित त्यागी जमानत पर बाहर हैं। इस तरह के मामले में प्रतिदिन महत्वपूर्ण होता है।"मामले की सुनवाई की तारीख पहले तय करने की मांग करते हुए मेहता ने कहा, "इस मामले में संलिप्त कई लोग त्यागी को (जमानत पर) बाहर देखना चाहते हैं।"सीबीआई ने उच्च न्यायालय से कहा कि अगर त्यागी जमानत पर बाहर रहते हैं तो वह जांच में बाधा उपस्थित करने और मामले से संबंधित सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर सकते हैं।सीबीआई ने निचली न्यायालय के गत 26 दिसम्बर के आदेश को चुनौती दी है जिसमें त्यागी को जमानत दी गई थी।ब्रिटेन स्थित अगस्ता वेस्टलैंड से 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की खरीद में हुई अनियमितता में त्यागी और दो अन्य कथित रूप से संलिप्त हैं। त्यागी सशस्त्र बल की किसी शाखा के पहले पूर्व प्रमुख हैं जिन्हें गिरफ्तार किया गया।वह साल 2004 से 2007 तक वायु सेना के प्रमुख थे।त्यागी को गत 9 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था और वह 18 दिनों तक हिरासत में थे। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।पूर्व वायु सेनाध्यक्ष ने रिश्वत लेने के आरोपों से इनकार किया है।मामले के दो अन्य आरोपी त्यागी के भतीजे संजीव त्यागी और दिल्ली स्थित वकील गौतम खेतान निचली अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद गत 4 जनवरी को रिहा हुए थे।जांच एजेंसी ने कहा था कि परामर्शदात्री सेवाओं के नाम पर विभिन्न कंपनियों के जरिए रिश्वत लेने के एवज में अगस्ता वेस्टलैंड को फायदा पहुंचाया गया था।आरोपियों के खिलाफ 12 मार्च, 2013 को आपराधिक साजिश, ठगी के आरोपों और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।--आईएएनएस
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