उन्होंने कहा कि शिवपाल सिंह यादव डकैतों को पालते रहे हैं। डकैत चंदन यादव के सिर पर शिवपाल का हाथ था, इसी वजह से पुलिस उस पर हाथ नहीं डालती थी।
कभी बीहड़ में रहने वाली दस्यु सुंदरी ने कहा कि वह कानपुर देहात के सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहती हैं। लेकिन शिवपाल के गुर्गे उनके कार्यालय पर पथराव कर रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इसी वजह से डीएम और एसपी से परमिशन और सुरक्षा की गुहार लगाने के लिए आई थीं।सीमा ने कहा, "7 साल मैंने बीहड़ में जिंदगी बिताई है और 7 साल जेल में। अब राजनीति कर समाज सेवा करना चाहती हूं। लेकिन शिवपाल नहीं चाहते हैं कि मैं चुनाव लड़ूं।"सीमा ने कहा कि बीहड़ की जिंदगी अत्याचार की जिंदगी थी। आत्मसमर्पण करने के बाद उन्होंने जिंदगी के सात साल जेल काटे। जेल से बरी होने के बाद राजनीति में आने की योजना बनाई, ताकि इज्जत से जी सकें।--आईएएनएस
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