गाजियाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)| गाजियाबाद पुलिस ने धोखाधड़ी से एक ऑटोमोबाइल कंपनी के खाते से एक जौहरी के खाते में 10 लाख रुपये स्थानांतरित करने को लेकर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की गाजियाबाद शाखा ने कथित तौर पर रियल-टाइम ग्रास सेटेलमेंट (आरटीजीएस) के जरिए बताए गए खाते में राशि स्थानांतरित कर दी। बैंक ने इसके लिए आवेदक का हस्ताक्षरित चेक और विधिवत भरा फार्म तक नहीं मांगा।
मामले में आरोपी विरेंद्र साहू रुद्रपुर (उत्तराखंड) और लोनी के अरुण जडोन तथा अजब नागर को हिंडन एयर फोर्स स्टेशन के पास से 5 जनवरी की रात को गिरफ्तार किया गया।साहू ने कहा उसने मास्टर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री ली है और पूर्व में लखनऊ के एक निजी बैंक में कार्यरत था। उसने नौकरी छोड़कर लोगों के साथ धोखाधड़ी शुरू की। उसके खिलाफ उत्तराखंड और बरेली में वित्तीय धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज हैं।पुलिस ने उनके पास से आठ लाख रुपये कीमत के सोने की एक चेन, चार चूड़ियां, बाली, चार हीरे और तीन सोने की अंगूठी तथा साथ में 50,000 रुपये और एक एसयूवी जब्त की है।गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने मीडिया से शुक्रवार को कहा कि कोतवाली पुलिस ने हिंडन ऑटोमोबाइल्स के कर्मचारी की 2 जनवरी की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। इसमें ऑटोमोबाइल कंपनी के खाते से 9,85,000 रुपये आरजे ज्वेलर्स, जगत फर्म, ग्रेटर नोएडा के खाते में स्थानांतरित करने की शिकायत की गई थी।पुलिस की जांच में पता चला है कि एक व्यक्ति ने खाताधारक बनकर बैंक अधिकारी को पैसे स्थानांतरित करने की बात कही। चूंकि उपभोक्ता बड़ी रकम के लेनदेन से जुड़ा था, इसलिए बैंक कर्मचारी ने नकदी का स्थानांतरण महज एक फोन कॉल पर कर दिया और इसके लिए जरूरी प्रक्रिया नहीं पूरी की गई।एसएसपी ने कहा कि मामले में बैंक अधिकारियों की भूमिका जांच के घेरे में है।हिंडन ऑटोमोबाइल के मालिक वाई.पी. वासवानी ने कहा, "पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद बैंक ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए हमारे खाते में राशि वापस कर दी है।"--आईएएनएस
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