नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)| भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार वित्त वर्ष 2016-17 में 7.1 फीसदी रहेगी। सरकार ने शुक्रवार को यह अग्रिम अनुमान जारी किया, जो समीक्षाधीन वित्त वर्ष की पहली छमाही के वास्तविक विस्तार 7.1 फीसदी के आधार पर लगाया गया है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी 2016-17 के लिए राष्ट्रीय आय अनुमान में बताया गया कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर वित्त वर्ष 2016-17 में 7.1 फीसदी रहेगी, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 में यह 7.8 फीसदी थी।एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि वास्तविक जीवीए (सकल मूल्य वर्धित, जिसमें सब्सिडी और कर शामिल नहीं है) की दर 2016-17 में 7 फीसदी रहेगी, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 में यह 7.2 फीसदी थी।अग्रिम अनुमान के लिए इस्तेमाल मापदंडों में नोटबंदी के प्रभाव को शामिल नहीं किया गया है।देश के मुख्य सांख्यिकीविद टी. सी. ए. अनंत ने कहा कि सालाना राष्ट्रीय आय की गणना में नोटबंदी को इसलिए शामिल नहीं किया गया, क्योंकि यह सामान्य कारक नहीं है।उन्होंने कहा, "जमा में हुई वृद्धि एक बाहरी कारक हैं, इसलिए नबंवर के आंकड़े इस गणना में शामिल नहीं किए गए हैं।"सीएसओ ने सात महीनों के आंकड़े के आधार पर समूचे वित्त वर्ष की गणना की है।जीवीए में 2016-17 के लिए उत्पादन क्षेत्र की वृद्धि दर के 7.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान यह 9.3 फीसदी थी।कृषि, वानिकी और मछली पकड़ने के क्षेत्र की वृद्धि दर 4.1 फीसदी होने का अनुमान है, जबकि 2015-16 के दौरान यह 1.2 फीसदी थी।वित्त, बीमा, रियल स्टेट और पेशेवर सेवाओं के क्षेत्र के वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 9.0 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है जबकि 2015-16 के दौरान यह 10.3 फीसदी थी।जीडीपी के अग्रिम पूर्वानुमान सामान्य तौर पर फरवरी में जारी किए जाते हैं, लेकिन अब सरकार ने एक फरवरी को बजट प्रस्तुत करने की योजना बनाई है, इसलिए ये जल्दी जारी किए गए हैं।--आईएएनएस
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