लखनऊ, 6 जनवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुलायम सिंह यादव के कुनबे का विवाद सुलह के मुहाने पर पहुंचकर फिर महत्वाकांक्षाओं की टकराहट में बदलता नजर आया। शुक्रवार को सुबह से लेकर शाम तक अखिलेश खेमा अपने आपको सपा का असली हकदार बताने में जुटा रहा। उधर, मुलायम खेमा भी अध्यक्ष पद को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है। चुनावी गठजोड़ के लिए अखिलेश खेमा अब कांग्रेस से तालमेल की तैयारी भी कर रहा है।े लखनऊ में सुबह से शाम तक मुलाकातों व बातचीत के कई दौर के बाद अंतत: मुलायम सिंह यादव मीडिया से बातचीत करने के लिए तैयार हुए, पर ऐन वक्त पर मध्यस्थ बने आजम खां ने प्रेस कान्फ्रेंस रद्द करा दी।
लखनऊ में 4, विक्रमादित्य मार्ग स्थित मुलायम सिंह आवास पर सुबह से नेताओं के आने व मिलने का सिलसिला शुरू हुआ। पहले अमर सिंह वहां पहुंचे और कुछ ही समय बाद वहां से लौट कर अपने गोमती नगर स्थित आवास आ गए। शिवपाल यादव मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने 5, कालिदास मार्ग चले गए।इस बीच चर्चा रही कि अमर सिंह ने पार्टी ने इस्तीफे की पेशकश की है और खुद का इसका ऐलान करेंगे। पर, बाद में ऐसा हुआ नहीं। इसके बाद शिवपाल ने मुलायम से मुलाकात की। वहां पर बेनी प्रसाद वर्मा व नारद राय को बुला लिया गया। अमर सिंह दुबारा मुलायम के यहां पहुंचे। इनकी बातचीत के बाद अमर सिंह निकल गये। उनके जाने के बाद आजम खां मुलायम से मिलने गए।इनके बीच खासी अहम बातचीत हुई। सुबह से सुलह के फॉर्मूले पर दोनों पक्षों के नेताओं में सहमति बनाने की कोशिशें होती रहीं। बताया जा रहा है कि अमर सिंह ने मुलायम से कह दिया कि वह सुलह के लिए पीछे हटने को तैयार हैं और वह त्यागपत्र दे देंगे। वहीं शिवपाल भी राष्ट्रीय राजनीति में जाने का तैयार हैं।सपा सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव हर हाल में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद अपने पास रखना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि अमर सिंह को सपा से बाहर करने का ऐलान किया जाए और शिवपाल प्रदेश अध्यक्षी छोड़ें। टिकट बांटने में वह पूरी आजादी चाहते हैं।इधर, मुलायम खेमा भी अध्यक्ष पद पर दावा छोड़ने को तैयार नहीं है। उनकी शर्त है कि रामगोपाल को पार्टी से बाहर रखा जाय और शिवपाल को केंद्रीय राजनीति में अहमियत व बेटे को टिकट दिया जाये। टिकट बांटने में शिवपाल व मुलायम समर्थकों को तवज्जो मिले।सूत्र बताते हैं कि अमर सिंह ने खुद को पीछे करने के लिए तैयार कर लिया है। उन्होंने मुलायम सिंह यादव से कह दिया है कि अगर उनको किनारे कर देने या निकाल देने से सुलह हो जाती है तो वह इसके लिए तैयार हैं। उन्हें कोई एतराज नहीं है।उधर, शिवपाल यादव भी अखिलेश यादव खेमे की इस शर्त को मानने को तैयार हैं कि वह प्रदेश अध्यक्ष नहीं रहेंगे और प्रदेश की राजनीति के बजाए केंद्रीय राजनीति में जाएंगे वह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनने को तैयार हैं। पर, उनकी शर्त भी है कि अनुशासनहीनता करने वाले व मुलायम सिंह यादव के खिलाफ बोलने वाले रामगोपाल यादव पर कोई न कोई कार्रवाई तो होनी ही चाहिए।--आईएएनएस
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