नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अलग रह रहीं पत्नी पायल अब्दुल्ला की उस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने यहां लुटियंस जोन में उमर अब्दुल्ला को आवंटित सरकारी आवास को खाली करने के फैसले को चुनौैती दी थी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.रोहिणी तथा न्यायमूर्ति वी.के.राव की खंडपीठ ने पायल को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि अगर उनके पति निजी आवास में रहने के लिए जा सकते हैं, तो फिर उनसे अलग व्यवहार करने की कोई वजह नहीं है।
पायल ने एकल न्यायाधीश द्वारा 19 अगस्त को दिए गए उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें राष्ट्रीय राजधानी के अकबर रोड पर बंगला नंबर सात को खाली करने के लिए कहा गया था।खुद तथा अपने बेटों को 'जेड' तथा 'जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा का हवाला देते हुए उन्होंने सरकारी आवास की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि बंगला खाली करने के बाद वह अपने बेटों के साथ किराये के एक फ्लैट में रह रही हैं, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से वह ठीक नहीं है।वह बंगला सन् 1999 में उमर अब्दुल्ला को आवंटित किया गया था, जब वह जम्मू एवं कश्मीर से सांसद हुए थे और केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री बने थे।--आईएएनएस
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