गौतमबुद्ध नगर के वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी दया शंकरराम त्रिपाठी ने बताया कि घंघौला गांव की रहने वाली वर्षा ने 2014 में अपने प्रेमी गुलाब से शादी कर ली थी। शादी के बाद वर्षा अपने पिता का आशीर्वाद लेने के लिए घंघौला गांव आई थी। 25 जुलाई 2014 को वर्षा के पिता राजकुमार ने बेटी के प्रेमी विवाह करने पर आपत्ति जताई थी। लोगों के समझाने के बाद उसने बेटी को माफ नहीं किया। रात होते ही बेटी वर्षा व गुलाब की राजकुमार ने हत्या कर दी थी। बेटी व उसके प्रेमी की हत्या करने के बाद आरोपी राजकुमार वहां से फरार हो गया था।
कुछ दिन बाद पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। मामले में कुल आठ गवाह पेश हुए, जिसमें से पांच गवाह अपनी गवाही से पलट गए थे। लेकिन पुलिस की कड़ी पैरवी के चलते कोर्ट ने बेटी व उसके प्रेमी की हत्या के आरोपी पिता राजकुमार को स्पेशल जज एससी-एसटी कोर्ट न्यायाधीश बी.के. सिंह ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।--आईएएनएस
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