पुलिस के मुताबिक, जनपद के बाबूपुरवा कोतवाली क्षेत्र के न्यू लेबर कालोनी में रहने वाली राधा देवी समाजवादी पार्टी की नगर सचिव थीं। राधादेवी के पति रुफ्तेंद्र की चार साल पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। परिवार में उनके सात बेटियां हैं, एक को छोड़कर सभी शादीशुदा हैं। राधादेवी की घर के ऊपरी हिस्से में रहने वाले संदीप यादव, अखिलेश यादव और इनके साथी बंटी यादव से विवाद चल रहा था। सपा नेत्री ने इसकी शिकायत पुलिस से भी की थी, लेकिन दोनों ही पक्ष सपा से संबंध रखते थे, इसी वजह से पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की थी।
राधा की बेटी प्रीति ने बताया कि सत्य प्रकाश (जीजा) इसी मोहल्ले में रहते हैं। शाम को वह मां को देखने गए तो उन्होंने गेट खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। तब उन्हें शक हुआ तो पड़ोस से होते हुए खिड़की से वह घर के अंदर दाखिल हुए तो अंदर का नजारा देख वह दंग रह गए। मां का शव खून से लथपथ पड़ा हुआ था। तब उन्होंने ने इसकी सूचना पुलिस को दी।हत्या की सूचना पर पहुंची सपा नेत्री की बेटियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। बेटियों ने संदीप यादव को घर से निकालकर सड़क पर ले आईं और मारपीट करने लगीं। एक बेटी ने बताया, "संदीप यादव और अखिलेश यादव ने मां को जान से मारने की धमकी दी थी। जब इसकी शिकायत पुलिस से की तो इन लोगों ने मेरे घर पर पथराव किया था। लेकिन बंटी यादव के सपा की युवजन महासभा का जिला अध्यक्ष होने के कारण पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।"पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत कराया और संदीप और अखिलेश यादव को पकड़ कर थाने ले गई।--आईएएनएस
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