नई दिल्ली, 2 जनवरी (आईएएनएस)| आने वाले बजट में करों में कमी की जानी चाहिए चाहे वह आयकर हो या कॉरपोरेट कर हो, ताकि उपभोग और निवेश को बढ़ावा मिले, जिसे नोटबंदी के कारण काफी गंभीर नुकसान पहुंचा है। एक शीर्ष उद्योग मंडल ने सोमवार को यह बातें कही। एसोचैम के अध्यक्ष सुनील कनौरिया ने बीटीवीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, "बजट में आयकर और कॉरपोरेट कर की दरों में कमी की जानी चाहिए, ताकि लोगों के हाथ में ज्यादा धन हो और उपभोग और निवेश को बढ़ावा मिल सके। निजी निवेश नहीं हो रहा है। कर की दरों में पर्याप्त कमी से विकास आकर्षित होगा।"
उन्होंने कहा, "नोटबंदी के बाद तेजी से स्थिति सुधर रही है। इसमें अभी एक से तीन महीने और लगेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने संकेत दिया है कि मार्च तक सबकुछ सामान्य हो जाएगा। अब नकदी की मांग घट रही है और मैं इस बारे में चिंतित नहीं हूं।"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नववर्ष की पूर्व संध्या पर दिए गए भाषण के संदर्भ में कनौरिया ने कहा कि वे नोटबंदी के बाद कुछ राहत पहुंचाना चाहते है। उन्होंने कहा, "समाज के वंचित तबकों को इससे मदद मिलेगी। बैंक ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं। इससे दीर्घकालिक समय में उपभोग और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।"--आईएएनएस
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