जम्मू, 2 जनवरी (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) पर चुनावों में हेराफेरी करने तथा आतंकवाद को जन्म देने के आरोप के बाद हुए हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही सोमवार को स्थगित करनी पड़ी। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा, "राज्य में जिन लोगों ने जनमत संग्रह की मांग करके अलगाव का बीच बोया, उन्हीं लोगों ने चुनावों में हेरफेर भी किया और आतंकवाद को जन्म दिया।"
इस टिप्पणी पर नेकां के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई और हंगामा करने लगे।एक सदस्य अब्दुल माजिद लार्मी ने महबूबा मुफ्ती से कहा कि उनके दिवंगत पिता तथा पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद सन् 1987 की नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस सरकार का हिस्सा थे और इसलिए चुनावों में हेरफेर के लिए उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।जम्मू एवं कश्मीर में विपक्षी सदस्यों ने बीती गर्मियों में कश्मीर घाटी में भड़की हिंसा को लेकर सोमवार को विधान परिषद में भी जोरदार हंगामा किया और उसके बाद सदन से बाहर चले गए।द्विसदनीय राज्य विधानमंडल के ऊपरी सदन में दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जा रही थी, उसी समय नेकां और कांग्रेस के विपक्षी सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास आ गए और नारेबाजी करने लगे।विपक्षी सदस्यों ने जुलाई में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में भड़की हिंसा के दौरान नागरिकों की मौत को लेकर भारी शोर-शराबा किया।सदस्यों ने घाटी में सुरक्षा बलों द्वारा पैलेट गन के इस्तेमाल के खिलाफ भी नारेबाजी की।परिषद के सभापति हाजी अनायत अली ने बार-बार शांति और व्यवस्था बनाए रखने की अपील की, लेकिन सदस्यों ने इसे नजरअंदाज करते हुए हंगामा जारी रखा और फिर सदन से बाहर चले गए।इससे पहले विपक्ष ने दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित कर रहे राज्यपाल एन.एन. वोहरा के अभिभाषण के दौरान जोरदार हंगामा किया।राज्यपाल ने जैसे ही अपना अभिभाषण शुरू किया, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां), कांग्रेस और अन्य पार्टियों समेत विपक्षी पार्टियों के सदस्य खड़े हो गए और पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।राज्यपाल ने विपक्ष के शोर-शराबे के बीच ही अपना अभिभाषण पूरा किया।--आईएएनएस
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