स्पाइसर ने कहा, "मुझे लगता है कि हमारे समक्ष एक प्रश्न है कि यह कदम क्यों उठाया गया?"
उन्होंने कहा, "35 लोगों को निकाल दिया गया, दो एजेंसियां बंद कर दी गईं। सवाल यह है कि क्या यह कदम उस गतिविधि के परिप्रेक्ष्य में उठाया गया है। हो सकता है, नहीं भी हो सकता है। लेकिन आपको इस बारे में सोचना पड़ेगा।"गौरतलब है कि अमेरिकी चुनाव में रूस द्वारा कथित हैकिंग के मद्देनजर ओबामा प्रशासन ने पिछले दिनों देश से रूस के 35 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था।आरोप है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस की नौ इकाइयों और लोगों ने हैकिंग की थी। इसमें रूस की दो खुफिया एजेंसियां भी हैं।ट्रंप ने अमेरिकी चुनाव के दौरान कथित हैकिंग की वजह से रूस और अमेरिका के बीच बढ़ रहे तनाव को तवज्जो नहीं दी।उन्होंने गुरुवार को कहा था, "यह समय हमारे देश के लिए बड़ा सोचने और करने का है।"रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने रूस में संवाददाताओं को बताया कि रूस इन नए प्रतिबंधों पर खेद व्यक्त करता है। ओबामा प्रशासन द्वारा उठाया गया कदम अप्रत्याशित और उनकी आक्रामक विदेश नीति को दर्शाता है।--आईएएनएस
|
Comments: