नवरात्री हिन्दू धर्म के लिए खास त्यौहार है। हर वर्ष नवरात्री अनेक तरह की विशेषता ले कर आती है। आइये जानते है क्या खास है इस वर्ष की नवरात्री में।
इस बार नवरात्री में प्रतिप्रदा तिथि लगातार दो दिनों की होगी। सौभाग्य से यह संयोग 16 वर्षों बाद बन रहा है। दूज दो दिनो की होने के कारण 1 अक्टूबर को प्रारम्भ हो रही यह शारदीय नवरात्र दस दिनों की होगी। यह दस दिन सुख और समृद्धि दायक होंगे।
अश्विन मास के शुक्ल काल में प्रारम्भ हो रहा यह शारदीय नवरात्र गजकेशरी योग में पड रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह अत्यधिक लाभ प्रदान करने वाला योग माना जाता है। दरअसल वृहस्पति और चन्द्रमा के एक साथ कन्या राशि के लग्न स्थान में होने के कारण गजकेशरी का यह महासंयोग बन रहा है।
देवीपुराण के अनुसार इस बार मां दुर्गा घोडे पर सवार हो के आयेंगी और हाथी से जाएंगी। पुराण में वर्णित वार के अनुसार देवी के अलग अलग वाहन हैं।
आगमन वाहन् के लिए वाहन इस तरह वर्णित है। रविवार व सोमवार को हाथी और शनिवार और मंगलवार को घोडे से जबा घोहस्पति और शुक्रवार को पालकी से आयेेंगी ।
प्रस्थान के लिए रविवार व सोमवार भैसा और शनिवार और मंगलवार को सिंह जबकि बुध और शुक्र को गज से जाएंगी। इस बार प्रस्थान का दिन सोमवार को पडने के कारण इस बार का प्रस्थान भैंसे पर बताया जा रहा है।
किस दिन क्या
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