लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस/आईपीएन)। सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना न देने और शोकॉज नोटिस की अवेहलना करने पर राज्य सूचना आयुक्त ने 13 जनसूचना अधिकारियों को दंडित किया है। रामपुर के सूचना अधिकारी (नगर मजिस्ट्रेट) पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है, वहीं अन्य 12 जनसूचना अधिकारियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यानी 13 जनसूचना अधिकारियों पर कुल 1,25,000 रुपये का जुर्माना लगा है। राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 20 के तहत इन 13 अधिकारियों को शोकॉज नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि वादी को 30 दिन के अंदर अनिवार्य तौर पर सूचना उपलब्ध कराए। 30 दिन के अंदर सूचना देना नियम के तहत अनिवार्य है।
अधिनियम की धारा 19 (7) के तहत आयोग का आदेश बाध्यकारी भी है, लेकिन इन अधिकारियों ने आदेश के बाद भी वादी को 30 दिन के अंदर न तो सूचना उपलब्ध कराई और न ही आयोग में उपस्थित हुए, जिस पर सूचना आयुक्त उस्मान ने 13 जन सूचना अधिकारियों को दोषी मानते हुए 25,000-25,000 रुपये दंड लगाया गया है।दंडित किए गए अधिकारियों में बिजनौर के जिला पंचायत राज अधिकारी, अधिशासी अधिकारी, नगरपालिका परिषद, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, विकास खंड हल्दौर, नगर पंचायत सहसपुर और विद्युत वितरण खंड चांदपुर, रामपुर के विद्युत विभाग, बिलासपुर और नगर मजिस्ट्रेट, सहारनपुर के जिला समाज कल्याण अधिकारी और परियोजना प्रबंधक, उप्र राज्य सेतु निगम, संभल के जिला समाज कल्याण अधिकारी और तहसीलदार तहसील, चंदौसी और मुरादाबाद के संयुक्त शिक्षा निदेशक, द्वादश मंडल शामिल हैं।--आईएएनएस
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