लखनऊ , 30 दिसंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर चल रही खींचतान से न केवल समाजवादी कुनबा परेशान है, बल्कि पार्टी के 190 विधायक भी असमंजस में हैं। सपा के सूत्र बताते हैं कि 190 विधायक ऐसे हैं, जिन्हें सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की सूची में भी जगह मिली है तो मुख्यमंत्री अखिलेश ने भी उन्हें ही अपना उम्मीदवार बना दिया है। अब वह इस बात को लेकर संशय में हैं कि आखिरकार वह किसके पाले में जाकर खड़े हों।
मुलायम और गुरुवार शाम अखिलेश द्वारा जारी प्रत्याशियों की सूची में 190 नाम 'कॉमन' हैं। ऐसे में अगर बगावती तेवर अख्तियार कर चुके अखिलेश यादव ने सपा से अलग कोई पाला खींचा तो दोनों ओर से घोषित प्रत्याशियों के सामने चुनावी मैदान से ज्यादा बड़ी चुनौती पाला तय करने की होगी। इनमें जो अखिलेश के साथ जाएगा, वह 'साइकिल' चिह्न से वंचित हो सकता है और मुलायम सिंह यादव के साथ खड़े रहने पर अखिलेश के साथ वफादारी सवालों के घेरे में होगी।सपा के दो धड़ों ने 24 घंटों के अंतराल में दो सूचियां जारी कीं। पहले मुलायम की ओर से जारी सूची में 393 प्रत्याशियों के नाम हैं। इसके बाद अखिलेश यादव ने 235 प्रत्याशी घोषित किए।सपा सूत्रों के मुताबिक, यदि दोनों अपनी सूची पर डटे रहते हैं तो अखिलेश किसी संभावित गठबंधन के साथ चुनाव में जा सकते हैं।दरअसल, चुनाव आयोग का नियम है कि पार्टी का चिह्न हासिल करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष या उसके द्वारा जारी फार्म ए और बी चुनाव आयोग में जमा करना अनिवार्य होता है। इसके अभाव में प्रत्याशी निर्दल माना जाता है। आयोग उपलब्ध चिह्नों में से एक आवंटित करता है।सपा सूत्रों का कहना है कि जिन लोगों का दोनों सूची में नाम है, वह अब भी परिवार में सब कुछ ठीक हो जाने की उम्मीद कर रहे हैं।सपा के प्रवक्ता डॉ. सी.पी. राय ने कहा कि ऐसा नहीं है, यह मामला जल्द ही निपट जाएगा। बाकी दलों के लोग इसका राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं। इसलिए वे तूल दे रहे हैं। कुछ असमंजस जरूर है, लेकिन स्थिति जल्द ही साफ हो जाएगी और सभी लोग एकजुट होकर मैदान में उतरेंगे।--आईएएनएस
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