कुकड़ेश्वर (नीमच), 29 दिसंबर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने कुकड़ेश्वर पहुंचे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने शोकसभा में उनकी कार्यशैली, संगठन क्षमता को याद किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि पटवा संगठन शिल्पी थे। संगठन गढ़ा और सबको साथ लेकर निरंतर संगठन और विचारों के प्रति निष्ठावान रहकर हमें सीख दे गए। उनके मन, क्रम, वचन और आचरण में दुर्लभ साम्य था जो हमेशा प्रेरणा कारक रहेगा।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सहकार्यवाह सुरेश सोनी ने स्वर्गीय पटवा को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा, "मौका गमगीन है। सभी व्यथित हैं, परंतु यह एक शाश्वत सत्य है, इसलिए करुणा की नहीं, आवश्यकता है कि पटवा जी के पौरुष से हम प्रेरणा लें। आगे बढ़ें और संगठन के प्रति समर्पित रहें।"राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने कहा कि स्वर्गीय पटवा हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा संगठन के प्रति अटल निष्ठा हमारे लिए आदर्श है। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनके संपर्क में आना एक सौभाग्य था। उन्होंने संपर्क में आए व्यक्ति के मानस पर अमित छाप अंकित की। वे लोकप्रिय थे। लोग उन्हें जानते थे और उनके कहे को मानते भी थे। ऐसा संयोग अन्यत्र दुर्लभ है।केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने पटवा के राजनैतिक जीवन को तपस्या और साधना का संगम बताया। उन्होंने कहा कि पटवाजी ने सर्वथा प्रतिकूलता के दौर में साहस को ईमान की तरह संजोया। पराजय बोध को अपने आसपास नहीं आने दिया।राज्य के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने स्वर्गीय पटवा को आदर्श राजनेता, कुशल संगठक, सामाजिक सरोकार के निर्वाह में उनकी उदारता करते हुए कहा कि निष्ठाओं का निर्वाह उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रही। उन्होंने एक समग्र जीवन जिस पराक्रम के साथ जिया उसी बेफिक्री के साथ महाप्रयाण किया।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ की जनता और सरकार की ओर से दिवंगत नेता को श्रद्धासुमन अर्पित किए और शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। रमन सिंह ने कहा, "पटवा जी ने हमारे जैसे लाखों कार्यकर्ताओं को अंगुली पकड़कर चलना सिखाया। कार्यकर्ताओं की पीढ़ियों का उन्होंने निर्माण किया और काबिल बनाया।"कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा ने कहा कि पटवा जी की जीवटता, जीजीविषा और जिज्ञासुपन ने उनके व्यक्तित्व को समग्रता प्रदान की। राजनीतिक भेदभाव से परे वे सच्चे राजनयिक थे जो विरोध और असहमति में भी संवेदना, सरोकार बनाए रखने की कला में प्रवीण थे।--आईएएनएस
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