कानपुर देहात के रूरा स्टेशन पर बुधवार को सुबह 5:18 बजे डाउन अजमेर सियालदा उस समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। उसके आठ कोच प्लेटफार्म तक जा पहुंचे थे।
इस दौरान गाड़ी की रफ्तार रेलवे के मुताबिक लगभग 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे रही। भयानक हादसे के बाद लगभग पांच दर्जन घायल यात्रियों को अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन 24 घंटे के अंदर ही यात्रियों में मुस्कुराहट आने लगी।हैलट अस्पताल में भर्ती कोलकाता की रहने वाली तानिया साहू ने बताया कि यकीन ही नहीं हो रहा है कि इतना जल्दी सब कुछ सही हो गया। झारखंड निवासी प्रतियोगी छात्र उपेंद्र यादव का कहना है कि हादसा होते ही वह बेहोश हो गया और जब होश आया तो खुद को हैलट में पाया और देखा कि सामान्य चोट है।अजमेर की गीता शर्मा अपने को सही सलामत देख फोन से बात करते-करते खिलखिला उठी और अनायास उसके मुंह से निकल आया, "जाको राखे साइयां मार सके न कोय।" इसी तरह अन्य घायल यात्री होश में आने के बाद अपने फोन से या दूसरों के फोन से मुस्कुराते हुए बातचीत करते दिखे।घायल यात्रियों का हालचाल जानने के लिए डिप्टी सीटीएम डॉ.जितेंद्र तिवारी और सीएमएस डॉ. कौशल मिश्रा की टीम सुबह 10 बजे हैलट अस्पताल पंहुची। उन्होंने घायलों से पूछा कि किसी प्रकार की परेशानी तो नहीं है और उनका पता पूछकर उन्हें घर पहुंचाने के लिए व्यवस्था किए जाने का आश्वासन दिया।उन्होंने डाक्टरों से भी जानकारी ली कि कोई सीरियस यात्री तो नहीं है? डाक्टरों ने बताया कि गंभीर रूप से घायल चार यात्री भी अब सामान्य होने लगे हैं, जिनमें चंदौली का अध्यापक अजीत यादव, सात साल की श्रेया व सुमन अवस्थी है।--आईएएनएस
|
Comments: