इस खाई को बीते बुधवार को पार्टी मुखिया मुलायम सिंह द्वारा जारी 325 विधानसभा उम्मीदवारों की सूची ने और बढ़ा दिया। इस सूची में जहां शिवपाल समर्थकों का दबदबा रहा। वहीं अखिलेश समर्थक तीन मंत्रियों समेत कई विधायकों के टिकट काट दिए गए, जिसके प्रति नाराजगी जता चुके अखिलेश ने गुरुवार को पहले पार्टी विधायकों, फिर मुलायम व शिवपाल संग बैठक की। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलने पर अखिलेश ने शाम को फिर समर्थकों संग बैठक कर विधायकों को चुनाव की तैयारी में जुटने को कहा है।
कहा जा रहा है कि अखिलेश ने 167 प्रत्याशियों की सूची बनाई है। यदि पार्टी में उम्मीदवारों की सूची को लेकर कोई नतीजा नहीं निकला तो अखिलेश अपनी सूची जारी करेंगे और उनका वह खुद प्रचार करने भी जाएंगे।इससे पहले गुरुवार सुबह से ही मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर अखिलेश समर्थक विधायकों और टिकट काटे गए मंत्रियों का जमावड़ा होना शुरू हो गया था। सुबह अखिलेश मुलायम सिंह से मिलने गए थे और उसके बाद उन्होंने अपने 80 समर्थक विधायकों और मंत्रियों से बैठक की।वहीं, बाहर जिन नेताओं को टिकट नहीं मिला, उनके समर्थकों ने नारेबाजी की। इसके बाद अखिलेश अचानक दोपहर एक बजे फिर से मुलायम सिंह से मिलने चले गए, जहां मुलायम और शिवपाल के साथ उनकी बैठक करीब डेढ़ घंटे चली, लेकिन यह बैठक भी बेनतीजा रही।वापस लौटकर अखिलेश ने एक बार फिर अपने समर्थक विधायकों के साथ बैठक की। कहा जा रहा है कि अखिलेश ने सबसे वादा किया कि वे सबको चुनाव लड़ाएंगे। थोड़ी ही देर बाद ही अखिलेश द्वारा 167 समर्थकों की सूची भी बनाने की खबर आई।कहा जा रहा है यदि उम्मीदवारों को लेकर छिड़ी रार का नतीजा नहीं निकला तो यह सूची अखिलेश जारी कर सकते हैं। सूची के सभी उम्मीदवार अखिलेश समर्थित प्रत्याशी कहलाएंगे और निदर्लीय चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही लंबे समय से अखिलेश के कड़े तेवरों का इंतजार कर रहे उनके समर्थकों में उत्साह की एक बड़ी लहर दौड़ गई।वहीं सुबह हुई बैठक में मंत्री रामगोविंद समेत कई विधायकों ने अपना दर्द बयान किया। जिस पर अखिलेश यादव ने कहा कि मेहनत व काम करने वालों को टिकट मिलना चाहिए।उन्होंने कहा, "मैं पार्टी प्रेसिडेंट तो हूं नहीं। गलत काम करने वालों को भी टिकट मिला है। मैं नेताजी से बात कर पूरी बात बताऊंगा।" देर शाम तक बैठकों का दौर चल रहा था।--आईएएनएस
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